हलाल को लेकर एफआईआर हुआ दर्ज, राष्ट्र विरोधी साजिश का लगा आरोप,पुलिस जांच पड़ताल में जुटी
प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित हजरतगंज थाने में हलाल प्रमाण पत्र को लेकर एक एफआईआर दर्ज की गई है। जिसमें प्रमाण पत्र जारी करने वाली चार कंपनियों, राष्ट्र विरोधी साजिश रचने वालों , आतंकी संगठनों को फंडिंग करने वाले अज्ञात व अन्य को आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए कंपनियां फर्जीवाड़ा कर हलाल प्रमाण पत्र जारी कर रही हैं। एक विशेष वर्ग को प्रभावित कर आर्थिक लाभ लेने की साजिश बताया गया है। पुलिस अब प्रकरण की तफ्तीश कर रही है।
ऐशबाग निवासी भाजपा के अवध क्षेत्र के पूर्व अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार शर्मा के मुताबिक जिन उत्पादों (खासकर शाकाहारी) में हलाल प्रमाण की जरूरत नहीं होती है। वह भी हलाल प्रमाण पत्र ले रही है। ये पूरा फर्जीवाड़ा उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। शैलेंद्र के मुताबिक इससे जन आस्था से खिलवाड़ कर एक समुदाय विशेष को प्रभावित किया जा रहा है। आरोप है कि इसमें राष्ट्र विरोधी साजिश रचने और आतंकवादी संगठनों को फंडिंग करने वाले लोग शामिल हैं। इंस्पेक्टर हजरतगंज विक्रम सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर धोखाधड़ी, साजिश रचने, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, आपसी सौहार्द बिगाड़ने के प्रयास जैसी धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।
शैलेंद्र का आरोप है कि साजिश रचकर ये पूरा खेल किया जा रहा है। इसमें समाज में ये भी प्रचारित किया जा रहा है कि जो उत्पाद हलाल प्रमाणित नहीं है उसको न खरीदें। यही नहीं तेल, साबुन, टूथपेस्ट व मधु जैसे उत्पादों को भी हलाल प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। जो मानक के खिलाफ है। इसलिए उनका आरोप है कि इसमें प्रमाण पत्र जारी करने वाली कंपनियां भी शामिल हैं।
मुस्लिम धर्म के अनुसार हलाल का मतलब जायज होता है। खाद्य व सौंदर्य उत्पाद पर हलाल के प्रमाण पत्र का मतलब ये है कि ये उत्पाद जायज है। इसमें मुस्लिम लोगो के लिए जो हराम चीजे हैं वो इसमें नहीं है। जानकार बताते हैं कि मुस्लिम देशों में एक्सपोर्ट करने के लिए ये हलाल प्रमाण पत्र जरूरी होता है।
- हलाल इंडिया प्राइवेट लिमि चैन्नई
- जमीयत उलेमा हिन्द हलाल ट्रस्ट दिल्ली
- हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई
- जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुंबई
- अन्य अज्ञात कंपनियां व उनके मालिक-प्रबंधक
- राष्ट्र विरोधी षडयंत्र करने वाले
- आतंकवादी संगठन व राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को फंडिंग करने वाले
- अन्य अज्ञात
हलाल प्रमाणपत्र गैरकानूनी नहीं है। इस्लाम में कई चीजें ऐसी हैं, जिनका खाना प्रतिबंधित है। बाजार में मिलने वाली वस्तु के हलाल प्रमाण पत्र से मुस्लिम समुदाय को उसे खरीदने में आसानी होती है। वहीं हलाल प्रमाण पत्र देने वाली संस्थाएं भी मान्यता प्राप्त हैं।
क्या हमें खाना है, क्या चीज हमें इस्तेमाल करनी है। यह तमाम चीजें इस्लाम के दायरे में होनी चाहिए। जो चीज हम इस्तेमाल कर रहे हैं, वह हलाल है या हराम है। इन सब बातों की हमें जानकारी होनी चाहिए। अब यह बात सामने आई है, जहां पर हलाल सर्टिफिकेशन में या किसी भी चीज में हलाल है या हराम को बताने में पाबंदी लगाई जा रही है। लगता है बड़े पैमाने पर एक्सपोर्ट में और इकोनॉमी में नुकसान होगा। यह हमारे मुल्क की इकोनॉमी के लिए और मुसलमान के लिए बेहतर नहीं है।-सुफियान निजामी, प्रवक्ता, दारुल उलूम फरंगी महली।
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