प्रदेश सरकार का शख्त आदेश : चकबन्दी विभाग के अधिकारी सहित चार कर्मी हुए निलम्बित
प्रदेश सरकार ने चकबंदी में भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोप में मऊ के तत्कालीन चकबंदी अधिकारी (वर्तमान में चकबंदी अधिकारी बलिया) सहित चार चकबंदी कार्मिकों को निलंबित किया है। तीन कार्मिकों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराने के आदेश दिए हैं।
चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि मऊ की मोहम्मदाबाद गोहना तहसील के सरसेना, पगरना चिरैयाकोट गांव के लोगों की ओर से गांव में चकबंदी के अंतिम अभिलेख में अनियमितता की शिकायत की थी। निदेशालय स्तर से जांच कमेटी गठित कर शिकायत की जांच कराई गई। जांच में सामने आया कि तत्कालीन चकबंदी अधिकारी ने 30 जून 2016 को चकबंदी समिति के प्रस्ताव बिना और ग्राम सभा को नोटिस दिए बिना खेल कूद के मैदान के लिए भूमि आरक्षित करने का आदेश जारी किया। उन्होंने बताया कि मऊ के तत्कालीन चकबंदी अधिकारी जगदीश कुमार को निलंबित करते हुए उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई शुरू की गई है।
उन्होंने बताया कि गांव के अंतिम भूचित्र में गाटा संख्या-1278, 1275 व 1279 की आकृति कूट रचित तरीके से त्रुटिपूर्ण बनाकर शिकायतकर्ता को क्षति पहुंचाने और अन्य खातेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाने के आरोप में मऊ के तत्कालीन चकबंदीकर्ता इंद्रजीत यादव वर्तमान में चकबबंदी कर्ता संतकबीर नगर, प्रमोद कुमार पांडेय, यशवंत सिंह, चकबंदी लेखपाल को निलंबित किया है। उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने के साथ एफआईआई दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि मऊ के जिलाधिकारी और उप जिला उप संचालक चकबंदी को अंतिम अभिलेख और भूचित्र में की गई त्रुटि को दुरूस्त करने निर्देश दिए हैं।
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