पीडब्लूडी के दावो के सच की पोल खोल रही है जिले की गड्ढायुक्त सड़के, आज भी सड़को पर हिचकोले खाने को मजबूर है राहगीर



जौनपुर। सड़क दुर्घटनाओ पर रोक लगाने के लिए सरकार चाहे जितना गंभीर हो, सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का शासन का चाहे जितने शख्त आदेश जारी करे लेकिन उसका कोई असर कार्यदायी संस्था सायद पीडब्लूडी पर नहीं है। जिसका परिणाम साफ दृष्टिगोचर है जनपद जौनपुर में अभी तक अधिकांश सड़कों की हालत जस की तस बनी हुई है।
निर्धारित समय बीतने के बाद भी शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों के कई सड़कों के गड्ढे अब भी पाटे नहीं जा सकें जिससे राहगीर हिचकोले खाने को विवश हैं।
आम लोगों को आवागमन में सहूलियत देने के मकसद से प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दीपावली से पहले सभी सड़कों के गड्ढे भरने के लिए शख्त निर्देशित किया था। पीडब्ल्यूडी की ओर से जिले की 1577 सड़कों जिसकी लंबाई 1275 किमी चयन कर गड्ढा मुक्ति के लिए प्रस्ताव भेजा गया। इसके लिए छह करोड़ 39 लाख 10 हजार रुपये मंजूर भी हो गया था। जोर-शोर से काम तो हुआ, लेकिन कई सड़कों पर अभी तक गड्ढे नहीं भरे जा सके। नतीजा इन सड़कों पर लोग अब भी हिचकोले खाने को विवश हैं। पीडब्ल्यूडी विभाग के मुताबिक जिले के लगभग सभी सड़कों का गड्ढामुक्त हो चुकी है। सच खबरें की टीम ने  जब दावों के सच का पड़ताल करने निकली तो हकीकत कुछ और नजर आई। हर सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे नजर आये। हां इतना जरूर है कि कागजी बाजीगरी का खेल करके पीडब्लूडी के अधिकारी और गड्ढा मुक्त करने में लगे ठेकेदार अपनी जेब के वजन को बढ़ने में सफल जरूर रहे है।
हलांकि पीडब्लूडी के अधिकारी कागजी बाजीगरी का खेल करते हुए दावा कर रहें है कि सभी सड़के गड्ढामुक्त हो चुकी है। जबकि भौतिक धरातल का नजारा कुछ और ही है। गांव से लेकर शहर तक की सड़के हिचकोले खाने को मजबूर करती है।अधिशासी अभियन्ता पीडब्लूडी राजेन्द्र कुमार वर्मा दावा करते है कि गड्ढामुक्त अभियान में चिन्हित करीब सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त कर दिया गया है। जो सड़के छूटी होगी उन्हें भी शीघ्र ठीक करा दिया जाएगा। राहगीरों की समस्या का विशेष ध्यान दिया जाएगा।

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