मारिशस के आयुर्वेद चिकित्सक डा0 राधाकिशून द्वारा स्वास्थ्य रहने के लिए योग पर जानें क्या रहा व्याख्यान
पहड़िया स्थित अशोका इंस्टीटृयूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड टेक्नोलॉजी में आयोजित सेमिनार में मारिशस स्वास्थ्य मंत्रालय के आयुर्वेद मेडिकल आफिसर डा0 कोमल चन्द्र राधाकिशून ने छात्रों को योग प्रणायाम के माध्यम से स्वस्थ रहते हुए अपनी शिक्षा में सफलता पाने के तरीके के बारे में विस्तार से चर्चा की और योगा का हमारे वास्तविक जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। इसके अलावा योग के द्वारा वैश्विक महामारी कोविड-19 के समय लोगों पर इसका बहुत ही सकारात्मक प्रभाव दिखाई दिया जिससे उनके अन्दर रोगों से लड़ने की शक्ति का विकास हुआ और वे इस भयानक बिमारी से अपने को सुरक्षित रख सके। उन्होंने योग निद्रा तथा हिप्नोटिजम के अन्तर को बताया और कहा कि योग एक बहुत कठिन प्रक्रिया होती है जिसे सीखने के लिए लगातार अभ्यास जरूरी है। उन्होंने कहा कि कैसे हम सकारात्मक उर्जा अर्जित करें तथा योग के माध्यम से बहुत सारी बिमारियां जैसे मधुमेह, हृदय रोग, श्वास रोग आदि समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
उन्होने बताया कि प्रणायाम से मस्तिश्क और पूरा शरीर शुद्ध होता है उन्हें बताया कि खुले वातावरण में यदि योग और प्रणायाम किया जाए तो आप अपने शरीर व दिमाग को स्वस्थ व मजबूत कर सकते हैं। प्राणायाम से पूरे शरीर के विशैले तत्व बाहर हो जाते है इस समय देखा जा रहा है छात्र आपने घर से दूर रहकर पढाई करते हैं ऐसे में उनके खान पान का स्तर गिर जाता है उनके भोजन में पिज्जा ,बर्गर और मोमोज खाने की आदत पड जाती है और उनका स्वास्थ्य खराब होने लगता है छात्रों को हल्के व सात्विक भोजन लेने की सलाह दी गयी। उन्होंने बताया कि जैसे कोरोना काल में बीमारी से काफी लोग मरे और ज्यादातर लोगों में बीमारी के भय से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर बुरा असर पडा। जो लोग प्राणायाम व योग कर रहे थो उनके अंदर बीमारी से लड़ने की क्षमता पाई गयी और वो बच गए, जब हम किसी बात को लेकर घबराते हैं तो दिमाग में तनाव होता है और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर इसका बुरा असर पडता है।
इस दौरान छा़त्रों के कई सवालों का उन्होंने विस्तार पूर्वक उदहरण के साथ समझाया और योग निंद्रा व शव आसन करने की सलाह दी, क्योंकि इन दोनों क्रियाओं से विशैले तत्व शरीर के बाहर निकल जाते हैं, बच्चों ने पढाई के समय नींद आने की बात कही तो उन्होंने इसके लिए बताया किय जो बच्चे रात को पढाई करते हैं वो रात में जल्दी सो जाएं और सुबह तीन या चार बजे तक उठकर बढाई करें तो उन्हें बहुत लाभ होगा क्योंकि सुबह दिमाग एकदम ताजा रहता है और पढी हुई चीजें दिमाग में अच्छे से आ जाती हैं। इस अवसर पर फार्मेसी विभाग के अध्यापकगण तथा छात्र छात्राएं शामिल रहे। अंत में फार्मेसी विभाग के डायरेक्टर डा0 बृजेश सिंह ने मुख्य अतिथि डा0 कोमल चंद्र जी को अंगवस्त्र व स्मृति चिहृन देकर सम्मानित किया।
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