कागज में मृत व्यक्ति जानें कैसे बन गया यूपी पुलिस का सिपाही,जानें क्या है कहांनी और कैसे खुली पोल

आखिर कार सच की पोल खुलती ही है और जाल फरेब करने वाले को देर से ही सही लेकिन कानून अपने शिकंजे में कसते हुए जेल की सलाखो तक पहुंचा ही देता है।जी हा ऐस एक मामला चर्चा में आया है। छत्तीसगढ़ पुलिस के एक भगौड़े सिपाही ने नाम बदलकर हाईस्कूल-इंटर किया। फिर उत्तर प्रदेश पुलिस की सिपाही भर्ती-2015 में चयनित हो गया। कई साल तक नौकरी करता रहा। गोपनीय शिकायत पर जब जांच हुई तो उसका फर्जीवाड़ा खुला। भर्ती बोर्ड की तरफ से मंगलवार को मामले में आरोपी पर धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर इस्तेमाल करने समेत अन्य गंभीर धाराओं में हुसैनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
पुलिस भर्ती बोर्ड के आलोक जायसवाल की तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई थी। एफआईआर के मुताबिक मथुरा के राया थाना क्षेत्र निवासी मनोज कुमार 2015 पुलिस भर्ती में सिपाही के पद पर चयनित हुआ था। 2018 में मथुरा एसएसपी कार्यालय को एक गुमनाम शिकायती पत्र पहुंचा था। जिसमें लिखा गया था कि मनोज कुमार छत्तीसगढ़ पुलिस का भगौड़ा सिपाही है। उसका असल नाम सुमित कुमार है। 
छत्तीसगढ़ पुलिस में वह इसी नाम से भर्ती हुआ था। वहां से भागने के बाद उसने मनोज कुमार के नाम से हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाएं पास की। फिर पुलिस भर्ती में शामिल होकर चयनित हो गया। जब विभागीय जांच हुई तो ये आरोपी सही पाया गया। इसी आधार पर कार्रवाई पिछले साल उसकी भर्ती निरस्त कर दी गई। अब उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
आरोपी ने फर्जीवाड़ा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। छत्तीसगढ़ से भगौड़ा घोषित होने के बाद उसने अपना एक मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार किया। मतलब कागजों में खुद को ही मार दिया। वहीं कुटुंब रजिस्टर में मनोज कुमार का नाम जोड़ा। जिससे उसने पूरा फर्जीवाड़ा किया।

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