आखिर क्यों नहीं आये बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री?भक्तजनो के साथ जानें किसने किया है छल,आयोजन के पीछे जानें क्या है असली खेल?



जौनपुर। आदि शक्ति मां शीतला चौकियां धाम के पास आयोजित हनुमंत कथा आयोजन कार्यक्रम में आयोजको द्वारा झूठ के सहारे समाज के लोगो के आस्था और विश्वास को ठेस पहुंचाने का जो खेल किया गया उसकी चर्चा अब प्रबुद्ध समाज में शुरू हो गयी है। धार्मिक मान्यताओ में विश्वास रखने वाली बड़ी संख्या में आवाम इंतजार करती रही कि बागेश्वर धाम के बाबा जी धीरेंद्र शास्त्री आयेगे उनका दर्शन होगा,साथ ही हनुमंत चरित्र कथा को प्रकाण्ड विद्धान पीठेश्वर राम भद्राचार्य का संबोधन सुनने को मिलेगा। जैसा कि आयोजक विगत एक माह से प्रचार कर रहे थे।
यहां बता दे कि हनुमंत कथा आयोजन समिति द्वारा विगत एक माह से खूब प्रचार करते हुए होडिंग आदि लगा कर समाज में हिन्दू धर्मावलम्बियों को बताया जाता रहा कि इस धार्मिक अनुष्ठान में प्रकाण्ड विद्धान पंडित राम भद्राचार्य के मुखार विन्द से भगवान हनुमान चरित्र कथा का वर्णन सुनने को मिलेगा इसी के साथ सभी को यह भी प्रचारित किया गया कि बागेश्वर धाम के बाबा जी भी आयेंगे लेकिन 06 अक्टूबर से शुरू हनुमंत कथा के लिए आयोजित कार्यक्रम की व्यास पीठ पर राम चन्द्र दास महराज ही नजर आये। कार्यक्रम के शुरुआत दिवस पर सन्त शिरोमणी राम भद्राचार्य का दर्शन तो हुआ लेकिन व्यास पीठ पर विराजमान नहीं हुए उनके सम्बोधन का लाभ उपस्थित जन मानस को नहीं मिल सका था।
यहां बता दे कि आयोजक मंडल के लोग बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री के आने का जब प्रचार किया कि 08 अक्टूबर को हनुमंत कथा के दौरान बाबा जी आयेंगे तो जनपद ही पूर्वांचल के जनपदो गोरखपुर, वाराणसी,गाजीपुर, आजमगढ़, सहित आस पास के भक्तजन बड़ी संख्या में शनिवार को ही जौनपुर की सरजमीं पर आ गये थे कि बाबा धीरेंद्र शास्त्री से अपनी समस्याओ के निदान कराने के लिए पर्ची रविवार को निकलवायेंगे लेकिन बाबा नहीं आये तो भक्तजन आयोजको को कोसते हुए पुनः अपने घरो को लौट गए। हनुमंत कथा 06 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक चलेगी। राम भद्राचार्य और धीरेंद्र शास्त्री के नाम पर आने वाली भीड़ को दृष्टिगत रखते हुए जौनपुर सहित पूर्वांचल के आसपास के जनपदो की फोर्स लगायी गयी है जो पहरे दारी तो कर रही है लेकिन आयोजको की करतूत से अब भीड़तंत्र नदारद भी नजर आने लगा है। हां सुरक्षा बल मुस्तैद है आयोजको का भौकाल टाईट है।
मिली खबर के अनुसार कार्यक्रम शुरू होने के बाद आयोजक मंडल में भी गुटबाजी हो गई आयोजक मंडल के कई सदस्य इस कथा कार्यक्रम से दूरी भी बना लिए है। कार्यक्रम से दूर हुए एक सदस्य ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि वहां पर शीतला धाम इलाके के एक सदस्य की मठाधीशी चल रही है लोग उपेक्षित महसूस किए और अलग हो गए। खबर तो यह भी है इस धार्मिक अनुष्ठान कार्यक्रम के नाम पर बड़े पैमाने पर धनोपार्जन किया गया है। उसका कोई हिसाब आयोजक मंडल को लोग देने से परहेज कर रहे है। इसी टीम के एक सदस्य ने जानकारी दिया है कि इतने बड़े कार्यक्रम के लिए जिन नामो का सहारा लिया गया उनके न आने से स्थानीय मां शीतला चौकियां धाम के लोग बड़ी संख्या में कथा प्रवचन में भाग लेने से परहेज कर लिया है।सच क्या है आयोजक गण जाने लेकिन जितने व्यक्ति उतनी तरह के कमेन्टात्मक बाते सुनने को मिल रही है। जो भी हो हनुमंत कथा के नाम पर आयोजक मंडल चाहे जितना मजबूत हुआ  हो लेकिन राम भद्राचार्य और बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री को न बुला कर उनके नाम पर भक्तजनो को खासा निराश करने का काम जरूर किया है।

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