तालाबो और झीलों को कब्जा मुक्त कराने के लिए सरकार हुई शख्त सीएम योगी ने जानें क्या जारी किया है आदेश
फसली वर्ष 1359 (वर्ष 1952) के अभिलेखों में दर्ज तालाबों, झीलों व जलाशयों के बारे में विकसित पोर्टल को एंटी भू-माफिया पोर्टल से जोड़ा जाएगा। उद्देश्य यह है कि तालाबों व जलाशयों पर अतिक्रमण करने वालों के विरुद्ध हुई कार्रवाई की समेकित रिपोर्ट पोर्टल पर प्रदर्शित हो सके।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन में शासन ने 30 जून 2020 को शासनादेश जारी कर तालाबों को अवैध कब्जों से मुक्त कराने की निगरानी और समीक्षा के लिए आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद की अध्यक्षता में समिति गठित की थी। हाई कोर्ट के आदेश के क्रम में राजस्व परिषद ने तालाबों/झीलों के लिए एक पोर्टल विकसित किया है।
पोर्टल पर वर्ष 1952 के अभिलेखों के अनुसार राजस्व गांवों और शहरों में दर्ज तालाबों की ग्रामवार/गाटावार सूचना दर्ज कराई जा रही है। उनके फोटो भी अपलोड किए जा रहे हैं। संबंधित विभाग तालाबों पर अवैध कब्जे की सूचनाएं भी पोर्टल पर दर्ज करा रहे हैं। हालांकि इसकी रफ्तार सुस्त है। तालाबों पर अतिक्रमण की शिकायतों पर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई एंटी भू माफिया पोर्टल पर दर्ज होती है।
हाल ही में संपन्न राज्य स्तरीय समिति की समीक्षा बैठक में पाया गया कि प्रदेश में तालाबों के 1556 हेक्टेयर क्षेत्रफल में अवैध कब्जे हैं। बैठक में निर्णय लिया गया है कि पुलिस विभाग प्रदेश के सभी थानों को निर्देश देगा कि वे जिला और संबंधित तहसील के राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियों से समन्वय कर तालाबों/झीलों पर हुए अतिक्रमण के विरुद्ध प्राप्त शिकायतों पर समुचित कानूनी कार्रवाई कराकर उसे एंटी भू माफिया पोर्टल पर अवश्य दर्ज करेंगे।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि संबंधित विभाग तालाबों पर अवैध कब्जे हटाने के लिए विभागवार/जिलावार कार्ययोजना बनाकर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित कराएंगे। यह भी सुनिश्चित करेंगे कि तालाबों पर फिर से अतिक्रमण न हो। जिन तालाबों पर कब्जे के मामलों में न्यायालय ने स्थगनादेश दिया है, उनमें मुकदमों के निस्तारण के लिए प्रभावी पैरवी के लिए विभाग अपने नोडल अधिकारियों को निर्देश देंगे। समिति ने इस बारे में संबंधित विभागों और सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है।
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