कथित धार्मिक आयोजन के नाम पर आखिर फूहड़गीतो को क्यों परोसा गया? तीसरे दिन आयोजक के मंशा की ऐसे खुली पोल
जौनपुर। जनपद मुख्यालय स्थित टीडी पीजी कॉलेज के मैदान में एक निलम्बित आईएएस द्वारा चुनावी रणनीति के तहत पहली बार गणेश जन्मोत्सव पर गणेश उत्सव कार्यक्रम रखते हुए समाज के युवाओ को धर्म के नाम पर इकठ्ठा करने एवं अपनी पहचान जिले में सुपर बनाने के नजरिए से आयोजित किया था। इस तीन दिवसीय गणेश उत्सव कार्यक्रम में भगवान गणेश का पूजन अर्चन के बजाय फिल्मी कलाकारो के जरिए धार्मिक कार्यक्रम में जिस तरह से फूहड़ता परोसी गयी उससे समाज प्रबुद्ध वर्ग चिन्तित एवं इस चिन्ता में कि समाज में ऐसे लोग भी है जो इस तरह के आयोजनो के जरिए युवाओ को गलत दिशा दिखाने का काम कर रहे है।
तीन दिवसीय इस कथित गणेश उत्सव कार्यक्रम में भगवान गणेश की एक मूर्ति आर्केस्ट्रा कार्यक्रम के बगल में रखी जरूर गयी थी लेकिन उसपर एक दिन भी पूजन अर्चन का कार्यक्रम नहीं हुआ। प्रत्यक्ष दर्शी तो यह भी बताते है कि आयोजक अभिषेक सिंह अथवा उनके परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा एक धूप बत्ती तक नहीं जलाई गयी थी। ऐसा दर्शक ही बताये है।
इस पूरे कार्यक्रम में पहले और दूसरे दिन फिल्मी कलाकार फूहड़ गीत परोस कर वाहवाही लूटते नजर आए, पहले दिन तो जसवीर सिंह जस्सी ने गीत गया एगो चुम्मा उधार देदो,बदले मे यूपी बिहार लेलो,दूसरे दिन अक्षरा सिंह और हनी सिंह आये थे स्टेज पर अक्षरा सिंह का जो अंदाज दिखा वह समाज के युवा पीढ़ी को पूरी तरह से भ्रमित करने वाला नजर आया। वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है अक्षरा सिंह जैसे ही गीत शुरू किया "हमरे चुनरिया पर झलकउआ, जान मारेला लंहगा इ लखनऊ," वैसे ही सामने युवाओ की भीड़ में बवाल मच गया बड़ी तादाद में कुर्सियां टूटी, आयोजक के बाऊन्सरो के हाथ महिलाएं पिटी इतना ही नहीं पुलिस को भी चोटे आने की खबर है। भगदड़ और विवाद घन्टे भर चला। लेकिन आयोजक के चेहरे पर कोई सिकन नही न ही इस कार्यक्रम को लेकर पछतावा ही नजर आया।
यहा एक बात यह भी बता दे कि आयोजक और उनके परिजन कार्यक्रम के पहले लगातार कहते रहे कि यह शुद्ध रूप से धार्मिक कार्यक्रम है लेकिन जब शुरू हुआ तो उसका स्वरूप ही बदला रहा। इतना ही नहीं तीसरे दिन गुरुवार को विसर्जन के नाम पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी को बुलाया गया उनके आने के बाद ही एक बात साफ हो गई कि इस आयोजन के पीछे आयोजक की मंशा क्या रही है। जनपद आगमन के दौरान प्रदेश अध्यक्ष ने एक भाजपा नेता परिवार के आवास पर आश्चर्य व्यक्त किया कि टीडी कॉलेज परिसर में आयोजित गणेश उत्सव कार्यक्रम में भाजपा के नेता गण नदारद क्यों रहे। वहां तो ऐसे चेहरे थे जो पूरी तरह सामाजिक नहीं नजर आए। अब भाजपा के अन्दर खाने में चर्चा भी शुरू हो गई कि इस कार्यक्रम के पीछे आयोजक की मंशा अपनी राजनैतिक महत्वा कांक्षा की पूर्ति है जो सायद पूरी हो सकेगी।
अब यहां पर एक बड़ा सवाल जरूर खड़ा होता है कि वह भाजपा कार्यकर्ता क्या करेगा और कहां जायेगा जो पचासो साल से भाजपा झन्डा ऊंचा किए ढो रहा है जब उड़न खटोले वाले फिल्मी लोगो को नचा कर पर्टी नेतृत्व को गुमराह कर अपनी महत्वाकांक्षा की पूर्ति कर लेगे।
जो भी हो आज तक के इतिहास में ऐसे उड़न खटोलिए जनपद जौनपुर में सफल नहीं हो सके है। भाजपा नेतृत्व को इन सब मुद्दो पर गम्भीरता से चिन्तन मनन करने की जरूरत है। मंशा जो भी रही यहां धार्मिक कार्यक्रम के नाम पर धार्मिक भजन कीर्तन के बजाय फिल्मी लोगो के जरिए फूहड़ता भरे गीत परोसना एक बड़ा सवाल खड़ा कर रही है।
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