जिले में पान की खेती करने वाले किसानो को मिलेगी हर तरह की सहायता-डीएम जौनपुर
जौनपुर। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा की अध्यक्षता में कृषि विज्ञान केन्द्र बक्शा में गुणवत्तायुक्त पान उत्पादन को प्रोत्साहन योजना गोष्ठी/सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसान भाई गेंहू, धान के साथ-साथ पान की खेती करना शुरू करें, जिसके लिए उन्हे सभी प्रकार की सहायता दी जाएगी। जिलाधिकारी ने जिला उद्यान अधिकारी श्रीमती सीमा सिंह राणा को निर्देशित किया कि इसके सम्बन्ध में पैम्फलेट वितरण कर किसानों को जानकारी दी जाए। उन्होंने किसानों को खेत-तालाब योजना के फायदे गिनाए। जिलाधिकारी द्वारा महोबा जिले मे तैनाती के दौरान प्रथम बार पान की खेती की शुरूआत करायी थी जिसके जुडे अनुभवों को उन्होंने किसानों के बीच साझा किया। जिलाधिकारी के द्वारा पीएमएमएमई योजना के तहत 04 लाभार्थियों को स्वीकृति प्रमाण पत्र एवं पान की खेती करने वाले किसानों को स्प्रेयर यंत्र वितरित किया गया।
मुख्य विकास अधिकारी साई तेजा सीलम ने कहा कि महिला किसान अधिक से अधिक संख्या में समूहों से जुडे और पान, गेंदे की खेती, मत्स्य पालन, तथा पशुपालन करें। उन्होंने कहा कि किसान की आय तभी दोगुनी हो पाएगी जब किसान पारम्परिक खेती के स्थान पर तकनीक आधारित खेती करेंगे।
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा सुरेश कन्नौजिया ने पान की खेती से जुडी तकनीकी जानकारी दी और कहा कि किसान छोटी-छोटी जोत पर ही कम पैसे में अधिक मुनाफा कमा सकते है, जसके लिए आवश्यक है कि तकनीक पर आधारित खेती करना शुरू करें।
जिला उद्यान अधिकारी ने विस्तार से विभागीय योजनाओं के सम्बन्ध में जानकारी दी। उन्होने पान व फूलों की खेती के लाभ, आवेदन पात्रता व शर्तो, अनुदान इसके उददेश्य के सम्बन्ध में किसानों को जानकारी दी। उन्होने कहा कि इन योजनाओं का उददेश्य है कि किसानों की आय दोगुनी की जाए।जिलाध्यक्ष किसान मोर्चा जनपद जौनपुर नरेद्र उपाध्याय ने किसानो को पान की खेती हेतु अपील भी की।पूर्व ब्लाक प्रमुख जय प्रकाश सिंह राणा ने अतिथियों का आभार ज्ञापन किया।
कार्यक्रम का संचालन डिप्टी पीडी आत्मा रमेश चन्द्र यादव ने किया।इस अवसर पर वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. सुरेन्द्र प्रताप सोनकर, डा राजीव सिंह, डा. रूपेश, डा. अनिल यादव, डा. लालबहादुर सहित पान की खेती करने वाले कृषक अनिल चौरसिया, राम मुराद, अमरनाथ चौरसिया, दुर्गाप्रसाद, मानिक चन्द्र, शिवराम, रामचन्द्र सहित अन्य किसानगण उपस्थित रहे।
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