कार्यस्थल पर महिलाओ के लैंगिक उत्पीड़न रोकने के लिए हुई बैठक
जौनपुर। महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रेतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम-2013 के अनुपालन में जिलाधिकारी अनुज कुमार झा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार जौनपुर में गोष्ठी का आयोजन किया गया।
जिला प्रोबेशन अधिकारी बिजय कुमार पाण्डेय द्वारा अवगत कराया गया कि उपरोक्त अधिनियम के धारा-4 के अन्तर्गत किसी भी कार्यस्थल पर प्रत्येक नियोजक द्वारा लिखित आदेश के माध्यम से आन्तरित परिवाद समिति का गठन करेगा परन्तु कार्यस्थल के कार्यालय या प्रशासनिक यूनिट भिन्न-भिन्न स्थानों या खण्डीय या उपखण्डीय स्थलों पर स्थित है, वहॉ आन्तरिक समिति सभी प्रशासनिक यूनिटों/कार्यालयों में गठित की जायेगी। समिति का गठन विषय विशेषज्ञों से सांविधिक निकायों यथा डाक्टरों, वकीलों, आर्किटेक्ट्स, चाटर्ड एकाउन्टेन्ट, आय-व्यय लेखाकार, इंजीनियर्स, बैंकर्स व अन्य विषय विशेषज्ञों को विनियमित करने वाले अभिकरणों के अतिरिक्त विश्वविद्यालयों, कालेजों प्रशिक्षण केन्द्रों, शैक्षिक संस्थानों, सरकारी तथा निजी चिकित्सालयों/नर्सिंग होम इत्यादि में कमेटी का गठन किया जाना है।
कमेटी में पीठासीन अधिकारी जो कर्मचारियों में कार्यस्थल पर वरिष्ठ स्तर की नियोजित महिला होगी परन्तु किसी वरिष्ठ स्तर की महिला कर्मचारी के उपलब्ध न होने की दशा में पीठासीन अधिकारी अधिनियम की उपधारा-1 में निर्दिष्ट कार्यस्थल के अन्य कार्यालयों या प्रशासनिक यूनिट से नाम निर्देशित किया जायेगा, परन्तु यदि कार्यालय के अन्य कार्यालय या प्रशासनिक एककों में वरिष्ठ स्तर की महिला कर्मचारी नही है तो पीठासीन अधिकारी उसी नियोजक के किसी अन्य कार्यालय या विभाग या संगठन से नाम निर्दिष्ट किया जायेगा।
आन्तरिक समिति का पीठासीन अधिकारी और प्रत्येक सदस्य अपने नाम निर्देशन की तारीख से तीन वर्ष से अनधिक की ऐसी अवधि के लिये पद धारण करेगा, जो नियोजक द्वारा विनिर्दिष्ट की जाय। गठित आन्तरिक परिवाद समितियों/स्थानीय समितियों/समितियों में नाम निर्दिष्ट अध्यक्ष/पीठासीन अधिकारी एवं सदस्यों का विवरण उनके ई-मेल आई०डी० एवं दूरभाष का विवरण) आनलाइन शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया संगत नियमों) उप नियमों तथा आंतरिक पालिसी इत्यादि का विवरण प्रत्येक प्राधिकारी, संस्था की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाय।उपर्युक्त कार्यवाही शीर्ष स्तर और राज्य स्तर पर विषय विशेषज्ञों से सम्बन्धित सभी सांविधिक निकायों (Allthe Statutory bodies of Professional) यथा-डाक्टरों, वकीलो, आर्किटेक्ट्स, चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट्स, आय-व्यय लेखक, इंजीनियर्स, बैंकर्स व अन्य विषय विशेषज्ञ को विनियमित करने वाले अभिकरणों के अतिरिक्त विश्वविद्यालयों) कॉलेजों) प्रषिक्षण केन्द्रों और शैक्षणिक संस्थानों एवं सरकारी तथा निजी चिकित्सालयों/नर्सिंग होम्स आदि के द्वारा भी की जाय। अधिकारियों/प्रबन्धकों/नियोक्ताओं द्वारा अपने कार्यालयों में गठित ICCs/LCs/ICs के सदस्यों को उनके कर्तव्यों से परिचित कराने एवं कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायत प्राप्त होने पर नियमानुसार जांच की कार्यवाही पूर्ण कर रिपोर्ट/जांच आख्या प्रस्तुत किये जाने की सम्पूर्ण प्रकिया को नियमानुसार सम्पादित किये जाने के विषय से अवगत कराये जाने हेतु तत्काल व प्रभावी कदम उठाये जाये। आन्तरित परिवाद समितियों/स्थानीय समितियों/आन्तरिक समितियों के सदस्यों के क्षमतावर्धन एवं कार्यालयों में कार्यरत महिला कार्मिकों एवं महिला समूहों को अधिनियम 2013 एवं संगत नियमों के सम्बन्ध में शिक्षित एवं जागरूक किये जाने हेतु निरन्तर अभिमुखीकरण कार्यकमों) सेमिनार एवं जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कराया जाय। जिसमें आवश्यकता होने जिला प्रोबेशन कार्यालय से प्रशिक्षक की मांग कर ले।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से क्षेत्राधिकारी एस0पी0 उपाध्याय, डॉ0 रामबदन सिंह जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग, विकास गुप्ता सहायक अभियन्ता, प्रान्तीय खण्ड लोक निर्माण, डॉ0 शशि प्रभा सिंह, प्रदीप गुप्ता सहायक अभियन्ता, सहायक परिवहन अधिकारी, चन्दन राय बाल संरक्षण अधिकारी, संजय उपाध्याय, पूर्व अध्यक्ष बाल कल्याण समिति, आदि उपस्थित रहे।
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