महिला आरक्षण बिल के मुद्दे पर केन्द्र सरकार को घेरते हुए सपा नेता स्वामी प्रसाद ने बताया आखिर राष्ट्रपति मुर्मू जी क्यों नहीं हुई आमंत्रित



समाजवादी पार्टी नेता एवं पूर्व मंत्री स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने केंद्र सरकार द्वारा लाये गये महिला आरक्षण बिल को सवालो के कटघरे में खड़ा करते हुए जारी अपने बयान मे कहा है कि 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' के नाम का पहले ही दिन संसद में मजाक बना दिया गया, जब नये संसद भवन में आज प्रथम सत्र था तो महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जी को सदन में आमंत्रित न करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
स्‍वामी प्रसाद ने मह‍िलाओं के ल‍िए 33 प्रत‍िशत आरक्षण द‍िए जाने के ल‍िए न‍िर्णय का स्‍वागत क‍िया, लेक‍िन संसद में महिला आरक्षण विधेयक में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिये अलग से आरक्षण की घोषणा न करने को दुर्भाग्यपूर्ण भी बताया है।स्‍वामी प्रसाद ने ट्यूटर एक्‍स पर एक पोस्‍ट में ल‍िखा, महिलाओं के लिये 33% आरक्षण दिये जाने के निर्णय का स्वागत करता हूं, किन्तु संसद में महिला आरक्षण विधेयक में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिये अलग से आरक्षण की घोषणा न करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।

''रही बात 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' के नाम का पहले ही दिन संसद में मजाक बना दिया गया, जब नये संसद भवन में आज प्रथम सत्र था तो महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जी को सदन में आमंत्रित न करना चाहिए था आमंत्रित न किया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।''


स्‍वामी प्रसाद ने ल‍िखा, ''महामहिम राष्ट्रपति मुर्मू जी को न तो नये संसद के उद्घाटन में बुलाया गया और न आज सत्र के शुभारम्भ में। यह अपमान और भेदभाव कहीं इसलिए तो नहीं कि महामहिम द्रोपदी मुर्मू जी आदिवासी समाज से हैं। एससी, एसटी, ओबीसी मा. मुर्मू जी के इस अपमान को बहुत ही गंभीरता से संज्ञान लिया है।''

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