बेनी राम देवी प्रसाद की जगह बेनी माधव क्यों छपवाया जीएसटी की टीम ने? इसके पीछे का असली खेल है क्या?
जौनपुर। जनपद में प्रसिद्ध इमरती बेनी राम देवी प्रसाद के प्रतिष्ठान निकट शाही पुल पर बीते 24 अगस्त को जीएसटी टीम ने छापा मारी करते हुए लगभग चार करोड़ रूपए जीएसटी की चोरी पाते हुए 20 लाख रुपए का जुर्माना ठोंक दिये। जांच का क्रम देर रात तक चलता रहा। सुबह वाराणसी से प्रकाशित एक समाचार पत्र में बेनी माधव के मिठाई की दुकान पर जीएसटी के छापे मारी की खबर से जनपद वासी चक्कर में पड़ गये कि आखिर बेनी माधव के नाम की दुकान कौन और किसकी है।
इस संदर्भ में पता किया गया तो जानकारी मिली कि वाराणसी जीएसटी टीम द्वारा विज्ञप्ति जारी वाराणसी से प्रकाशित समाचार पत्र को बताया गया कि मिठाई की दुकान का नाम बेनी माधव है। ऐसा जीएसटी के अधिकारियों ने क्यों किया यह जांच का बिषय है इसके पीछे का असली खेल क्या है। क्यों मिठाई की दुकान का नाम बदला गया। जबकि पूरा जनपद जानता हैऔर बेनी राम देवी प्रसाद के नाम से प्रसिद्ध इमरती बनाने वाली दुकान रजिस्टर्ड भी है।
बेनी राम देवी प्रसाद को बेनी माधव बताये जाने का कारण क्या हो सकता है यह तो जीएसटी टीम के अधिकारी ही बतायेगे लेकिन बेनी माधव का नाम अखबार में आने के बाद नगर वासी खासे गुमराह नजर आए। सुबह चाय खानो पर चर्चा इसी बात को लेकर लोग करते नजर आए कि आखिर जीएसटी के अधिकारियों ने ऐसा क्यों किया है। जनपद के आम जन की माने तो दुकानदार और जीएसटी के अधिकारियों के बीच किसी लाभ की खिचड़ी पकने की आशंका जताई जा रही है हलांकि सच का खुलासा तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
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