सरकार के मुखिया का आदेश आते ही निराश्रित गोवंश की देखभाल डीएम ने किया शुरू,पशु चिकित्सको को दिया यह आदेश


जौनपुर।  प्रदेश सरकार के मुखिया के आदेश पर अब जनपद में जिलाधिकारी द्वारा निराश्रित गोवंश के संरक्षण और देखभाल की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके तहत आज मंगलवार को जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने उपनिदेशक कृषि कार्यालय परिसर में बनी गौशाला का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि गौशाला में कुल 462 गोवंश संरक्षित किए गए हैं और गोवंशो के देखभाल के लिए 16 केयर टेकर लगाए गए हैं। हलांकि प्रदेश सरकार के मुखिया ने अपने आदेश में साफ कहा है कि जिलाधिकारी सुनिश्चित करें कि निराश्रित गोवंश सड़क पर न नजर आए। जनपद के अन्दर मुख्यालय की सड़को और गलियों में निराश्रित गोवंश खुलेआम घूम रहे है जो जन जीवन के लिए खतरा भी बने है।
जिलाधिकारी ने गोसाले में भूसे की उपलब्धता एवं आपूर्ति व्यवस्था के संबंध में जानकारी ली और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा0 परमहंस राय को निर्देशित किया कि गौशाला में हरे चारे की व्यवस्था के लिए उप जिलाधिकारी सदर के माध्यम से चारागाह की जमीन को चिन्हित करते हुए हरे चारे की व्यवस्था कराना सुनिश्चित करें।
उन्होंने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि बीमार पशुओं का नियमित रूप से इलाज किया जाए, इलाज के अभाव में किसी भी गोवंश की मृत्यु न होने पाए। गौशाला में लगाए गए पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एल.आर. सिंह मौके पर अनुपस्थित पाए गए, जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए स्पष्टीकरण देने  के निर्देश दिए। जिलाधिकारी के द्वारा स्टॉक रजिस्टर, केयर टेकर के उपस्थिति रजिस्टर सहित अन्य का निरीक्षण किया और कहा कि नियमित रूप से रिकॉर्ड मेंटेन किया जाए।
 इस अवसर पर एल.ई.ओ. सुनील सिंह, संजय कुमार तिवारी, तौफीक अहमद, अरविंद श्रीवास्तव, सफाई निरीक्षक हरिश्चंद्र यादव सहित अन्य उपस्थित रहे।
इसके बाद डीएम स्थायी गो-आश्रय स्थल, चोरसंड, गौराबादशाहपुर पहुंचे और निरीक्षण किया। यहां पशु आश्रय स्थल में 181 पशु संरक्षित मिले। कुल 06 केयर टेकर लगाए गए हैं। जिलाधिकारी द्वारा लेखपाल को निर्देशित किया गया कि तीन दिनों के भीतर गौशाला के लिए एक चारागाह चिन्हित किया जाए जिससे गोवंशों के लिए पर्याप्त मात्रा में हरा चारा उपलब्ध हो सके। पशु आश्रय स्थल में जल जमाव को देख नाराज होने के साथ ही तत्काल ठीक करने का निर्देश ई०ओ० को दिया। 
इस दौरान जिलाधिकारी के द्वारा स्टॉक रजिस्टर, विजिट रजिस्टर सहित अन्य रजिस्टरों का निरीक्षण किया गया। भूसा गोदाम के निरीक्षण के दौरान पर्याप्त मात्रा में भूसा उपलब्ध मिला। जिलाधिकारी के द्वारा पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि पशुओं का नियमित रूप से चेकअप करें और बीमार गोवंशों का इलाज किया जाए।


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