जानिए राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्यों ने समीक्षा के बाद क्या निर्देश जारी किए


जौनपुर। उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा जौनपुर में जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें आठ मामले आयोग के सामने आए, तीन मामले बाल सेवा योजना सामान्य के थे और दो मामलों में बच्चे पहले से ही योजना का लाभ ले रहे थे उन्हें बताया गया कि एक परिवार में सिर्फ दो बच्चों को ही लाभ दिया जा सकता है। दो मामले विधवा पेंशन से संबंधित थे उन्हें बताया गया कि आवश्यक दस्तावेज तैयार कर ऑनलाइन फॉर्म भर सकती हैं। दो मामले ईट भट्ठों से संबंधित आए, ईट भट्ठा पर काम करने वाले बच्चों की पढ़ाई हो इसकी व्यवस्था करने की मांग की गई थी सभी संबंधित विभागों को शिकायतों के निस्तारण का निर्देश दिया गया। 
आयोग के सदस्यों द्वारा सभी विभागों की समीक्षा बैठक भी की गई। महिला कल्याण विभाग से जिला प्रोबेशन अधिकारी ने विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य एवं कन्या सुमंगला योजना की प्रगति की जानकारी दी गई और बताया गया कि बाल सेवा योजना में जौनपुर जनपद प्रदेश में दूसरा स्थान तथा बाल कन्या सुमंगला में पिछले तीन वर्षों में प्रथम पांच स्थान में सदैव रहा है और आगे भी इन योजनाओं में जनपद में अच्छे काम का आश्वासन दिया गया। इसके लिए विभिन्न विभागों से परस्पर सहयोग लेने का निर्देश आयोग के सदस्यों ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को दिया।
आयोग के सदस्यों ने जिला कारागार की व्यवस्था की तारीफ की और अधिकारियों को निर्देश दिया की सभी अधिकारियों को वहां के अधीक्षक द्वारा किए गए कार्य से सीखने की जरूरत है।
पुलिस विभाग की समीक्षा में क्षेत्राअधिकारी सदर ने बताया की पुलिस द्वारा बाल विवाह रोकने पॉक्सो के मामलों में समय पर चार्जशीट दाखिल करने तथा बच्चों के रेस्क्यू में निरंतर अच्छा काम कर रही है। क्षेत्राधिकारी द्वारा बताया गया की 14 मामलों में बच्चों का रेस्क्यू का कार्य अभी पेंडिंग है। 
सदस्य द्वारा श्रम विभाग को निर्देशित किया गया कि बाल श्रम को रोकथाम के लिए निरंतर पुलिस विभाग एवं अन्य विभागों के सहयोग से छापेमारी का काम करें एवं श्रम से मुक्त बच्चों को विभिन्न विभागों की योजनाओं से लाभ दिलाया जाए। श्रम विभाग के अधिकारी द्वारा बताया कि मड़ियाहॅू के 25 गांव को नया सवेरा योजना के तहत श्रम मुक्त गांव घोषित किया जा चुका है। 
आयोग के सदस्यों ने शिक्षा विभाग को शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत विगत 3 वर्षों में कितने नामांकन हुए हैं तथा कितने बच्चे उसमें से विद्यालय छोड़े है उसकी रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। आश्रम पद्धति विद्यालय गयासपुर में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने का भी निर्देश दिया गया तथा रसोई घर एवं मेष में जाली लगाने का निर्देश दिया गया। 
कस्तूरबा विद्यालय करंजाकला के बाउंड्री बाल को ऊंचा कराने, किचन को ठीक कराने का निर्देश दिया। उन्होंने निर्देशित किया कि एक युद्ध नसे के विरुद्ध को सफल बनाने के लिए अबकारी विभाग, ड्रग्स विभाग, शिक्षा विभाग परस्पर समन्वय स्थापित कर और इसे सफल बनाने का प्रयास करें। विभागीय समीक्षा के उपरान्त राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ने मीडिया से वार्ता किया और अपने दो दिन के विभिन्न कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दिया और मीडिया से अपील किया कि विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं को जनता के बीच पहुंचाने में सहयोग करें।

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