जौनपुर सिटी मजिस्ट्रेट के खिलाफ तीसरे दिन भी अधिवक्ताओ का आन्दोलन रहा जारी,पूरे जिले में नही हुआ न्यायिक कार्य
जौनपुर। जनपद में सिटी मजिस्ट्रेट के खिलाफ चल रहे अधिवक्ताओ के आन्दोलन के तीसरे दिन जनपद में दीवानी न्यायालय से लगायत कलेक्ट्रेट बार सहित सभी तहसीलो में अधिवक्ताओ ने एक जुट होकर अब नगर मजिस्ट्रेट देवेन्द्र सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।अधिवक्ताओ की हड़ताल और धरना-प्रदर्शन के कारण पूरे जिले में न्यायिक प्रक्रिया पर पूरी तरह विराम नजर आया है।
बतादे कि बीते दिवस अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में थाना लाइन बाजार क्षेत्र स्थित मतापुर मुहल्ले में एक जमीन पर कब्जा दिलाने गये सिटी मजिस्ट्रेट ने विपक्षी दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता मो शाहिल को धारा 151 में शान्ति भंग करने के आरोप में जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। इस घटना को संज्ञान लेते हुए दीवानी अधिवक्ता संघ ने बीते 07 अगस्त को जिलाधिकारी आवास के मुख्य गेट के पास धरना-प्रदर्शन करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट के निलंबन और स्थानांतरण की मांग पर अड़ गया।
दूसरे दिन भी दीवानी न्यायालय के अधिवक्ताओ ने न्यायिक कार्य नहीं किया और बार के सभागार में बैठक कर सिटी मजिस्ट्रेट के निलंबन की मांग जोर शोर से उठाते हुए निर्णय लिया कि सिटी मजिस्ट्रेट के खिलाफ यह आन्दोलन निलंबन अथवा स्थानांतरण तक जारी रहेगा। इसी निर्णय के क्रम में आज तीसरे दिन बुधवार को दीवानी न्यायालय अधिवक्ताओ ने न्यायालय परिसर के बाहर धरना-प्रदर्शन किया और अपनी मांग को शासन भेजते हुए सिटी मजिस्ट्रेट के निलंबन की मांग दोहराया। दीवानी न्यायालय अधिवक्ताओ के समर्थन में कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओ सहित सभी तहसीलो के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए प्रदर्शन किया और दीवानी न्यायालय के अधिवक्ताओ से खुद को सम्बद्ध करते हुए मांग पत्र शासन को भेजा है।
दीवानी न्यायालय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष जितेन्द्र नाथ उपाध्याय ने बताया है कि इस मुद्दे को लेकर दीवानी न्यायालय के अधिवक्ताओ का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री से भी मिलने जायेगा और यहां पर अधिकारियो के भ्रष्ट कारनामो से अवगत करायेगा।
दीवानी न्यायालय में आन्दोलन का नेतृत्व अध्यक्ष जितेन्द्र नाथ उपाध्याय ने किया तो संचालन मंत्री अनिल कुमार सिंह ने किया।
इस अवसर पर अधिवक्ता संघ के पूर्व मंत्री सुभाष चंद्र यादव, रमेश सोलंकी, प्रेमनाथ पाठक, राजकुमार यादव,अश्वनी मिश्र, अजीत सिंह, हिमांशु श्रीवास्तव, मोहम्मद उस्मान, पंकज श्रीवास्तव,विनय सिंह, रण बहादुर यादव, राजनाथ यादव, शहंशाह हुसैन,अवनीश चतुर्वेदी, विकास तिवारी, आनंद गुप्ता, विनय उपाध्याय, धीरेंद्र उपाध्याय, गोरख श्रीवास्तव, शिव प्रसाद गिरि, शैलेश मिश्रा,अभिनव मिश्र, प्रशांत उपाध्याय, मोहित जायसवाल, आशुतोष श्रीवास्तव, संदीप यादव, शिवनारायण मौर्य, निलेश निषाद,अवधेश यादव, मंजीत कौर, मंजू शास्त्री आदि अधिवक्ताओ ने अपने विचारो को रखते हुए आन्दोलन को गति देने का संकल्प लिया।
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