मंत्री बनने एनडीए का हिस्सा बने राजभर को डिजिटल कॉरिडोर के लोकार्पण में कुर्सी का न मिलना राजनैतिक गलियारे में चर्चा में
उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया। सत्र शुरू होने से पहले सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की वायरल फोटो अब चर्चा का बिषय राजनैतिक गलियारे में बन गई है। लोग चटखारे ले रहे है कि कैबिनेट मंत्री बनने की लालच में भाजपा में गये लेकिन एक कार्यक्रम में उनको भाजपाईयो ने कुर्सी तक नहीं दिया खड़े रहे राजभर।
दरअसल सोशल मीडिया पर सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर की एक तस्वीर तेजी से वायरल है। जिसमें उन्हें विधानसभा सत्र से पहले डिजिटल कॉरिडोर लोकार्पण के दौरान खड़े हुए देखा गया। इसके अलांवा विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की किताब के विमोचन में भी राजभर एकदम किनारे खड़े दिखाई दिए।
दरअसल 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान ओम प्रकाश राजभर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को काफी बुरा-भला कहा था। फिलहाल एक बार फिर से केंद्र की मोदी सरकार ने राजभर की बातों को भुलाकर सुभासपा को एनडीए के घटक में शामिल कर लिया है। एक ओर जहां विधानसभा में डिजिटल कॉरिडोर के लोकार्पण के दौरान ओम प्रकाश राजभर कुर्सी तक के लिए तरस गए और पीछे खड़े नजर आए। वहीं विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की किताब के विमोचन के दौरान ली गई तस्वीर में राजभर एकदम किनारे खड़े दिखाई दिए। फिलहाल इन सभी के बीच कयास लगाए जा रहे हैं कि यूपी में मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। जिसमें एनडीए में शामिल होने के बाद सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख राजभर को मंत्री पद मिल सकता है। फिलहाल इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री की ओर से किसी प्रकार की कोई बात नहीं की गई है।
बता दें कि ओम प्रकाश राजभर ने 16 जुलाई को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। जिसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने उनकी इस मुलाकात की तस्वीर को ट्वीट कर राजभर का एनडीए में स्वागत किया था। इसके बाद से ही राजभर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात कर चुके हैं। वहीं वह उत्तर प्रदेश की कैबिनेट में मंत्री पद के लिए इंतजार में है। हलांकि डिजिटल कॉरीडोर लोकार्पण के दौरान घटित घटना ने सभी कयासो पर सवाल खड़े लगे है।
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