जौनपुर मेडिकल कॉलेज के निर्माण में लगी कार्यदाई संस्था पर गिरी गाज, नयी ऐजेन्सी को मिला काम
जौनपुर।उमानाथ सिंह स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण में धीमी गति के चलते आखिरकार संस्था पर गाज गिर ही गई। यहां पर पेटी कांट्रैक्टर के तौर पर काम कर रही संस्था टाटा व बाला जी को शासन के निर्देश पर राजकीय निर्माण निगम ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अब यहां पर मेसर्स शिवांस इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ को काम दे दिया गया जिसने काम भी शुरू करा दिया है।
यहां बता दें कि अक्तूबर 2014 में मेडिकल कालेज स्वीकृत होने साथ ही निर्माणकार्य भी शुरू करा दिया गया था। इतने वर्षो तक कभी सरकार बदलने का दंश तो कभी बजट के चलते काम की तेजी पर असर पड़ा। काम शुरू हुआ तो कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम के अंडर में काम करने वाली पेट्री कांट्रैक्टर टाटा व बालाजी को काम दिया गया है। इनके द्वारा भी समय-समय पर जीएसटी बढ़ने के साथ मूल्य वृद्धि की आवाज उठाई गयी।
शुरुआत में इसकी लागत 554 करोड़ थी फिर इसको बढ़ाकर 569 करोड़ हो गई। जीएसटी मूल्य वृद्धि के बाद काम करने वाली पेटी कांट्रैक्टर टाटा व बाला जी की तरफ से समय-समय पर काम रोका गया। अंतत: शासन स्तर से भवन में कटौती करते हुए इसकी लागत घटाकर 549 करोड़ रुपये कर दिया गया। अभी तक 319.73 करोड़ की लागत से 63 फीसदी ही काम हुआ।
एमबीबीएस के तृतीय वर्ष की कक्षाओं से संबंधित बचे हुए काम व एमबीबीएस के चतुर्थ वर्ष का संपूर्ण कार्य बाकी है। पिछले साल सितंबर 2022 में आईपीडी कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया था। इसके तहत सीएम योगी आदित्यनाथ ने निरीक्षण भी किया था। अब आईपीडी कार्य यानी मरीजों को भर्ती करके उपचार करने का कार्य सितंबर तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
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