पल भर में चाचा भतीजी बन गये पति पत्नी, जानें क्या है प्रेम कहांनी, रिस्ते कैसे होते है शर्मसार
जौनपुर। जब इश्क चढ़ा परवान तो रिस्ते हुए किनारे चाचा भतीजी अन्तत: बन गये पति पत्नी। यहां एक बात और है कि वह मुहावरा चरितार्थ हुआ कि प्यार अंधा होता है। प्यार में न तो रिश्तों की परवाह न ही उम्र की चिन्ता। ऐसा एक मामला जनपद जौनपुर के थाना क्षेत्र के ताजुद्दीन ग्राम सभा का प्रकाश में आया है।शुभम सिंह पुत्र योगेंद्र बहादुर सिंह (चाचा) ने अपने घर के बगल की रिया सिंह पुत्री सुनील कुमार सिंह (भतीजी)ने आज शुक्रवार 21 जुलाई को मड़ियाहूं कोतवाली परिसर में शादी कर लिया है।
मीडिया के समक्ष प्रेमी जोड़ों ने बताया पिछले 3 वर्षों से दोनो के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनो अब तक रिस्ते में चाचा भतीजी रहे अब पति पत्नी हो गये है। थाना परिसर के अन्दर मंदिर परिसर में भगवान को साक्षी मानकर हम दोनों ने शादी कर ली है।
बता दें कि यह प्रेम विवाह समाज में एक ऐसी बुराई को बढ़ावा देता हुआ नजर आ रहा है जो सामाजिक रिस्तो को तार-तार कर रहा है।एक ऐसा भी वक्त हुआ करता था जब गांव में लोग रिस्तो को निभाते नजर आते रहे। लोग एक दूसरे पर विश्वास करते हुए गांव की बहन बेटियों के ऊपर नजर उठाकर भी नहीं देखा करते थे। लेकिन आज तो रिश्ते तार-तार हो रहे है। भाई-बहन को पत्नी बना ले रहा है और चाचा अपनी वासना की तृप्ति के लिए भतीजी को बीबी बनाने में जरा भी संकोच नहीं कर रहा है।
समाज कहा जा रहा है यह गम्भीर विचारणीय प्रश्न है। जब बेटियां अपने गांव में असुरक्षित है तो और कहां रह सकती हैं, हलाकि घटना उपरोक्त को लेकर तरह तरह की भी चर्चाओं का बाजार गर्म हैं अब कैसे कोई अपने पड़ोसी पर भरोसा कर सकेगा जो खुद में एक बड़ा सवाल है आखिर समाज में लोग इस रिश्ते को कैसे और किस रूप में स्वीकार करेंगे। क्या मजबूरी रही होगी उस माँ- बाप की जो पाल पोस कर बड़ा किया और चाचा भतीजी मां-बाप को ही छोड़कर पति पत्नी बन गए है। रिस्तो को तार-तार करने वाली यह शादी से मड़ियाहूं तहसील क्षेत्र में चर्चा बनी हुई है। हलांकि यह कोई पहली घटना नहीं है पहले भी ऐसी घटनायें हो चुकी है।
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