ज्योति मौर्या केस: एक सप्ताह में ही महोबा से आउट हुए होमगार्ड कमांडेंट..बड़े बेआबरू होकर निकले मनीष दुबे
महोबा जिला होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे का कार्यकाल महोबा में सबसे छोटा कार्यकाल रहा। मनीष दुबे एक सप्ताह के कार्यकाल के बाद आखिरकार महोबा से आउट हो गए। शासन स्तर से उन पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य प्रकरण में विवाद की जड़ कहे जा रहे महोबा के जिला होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे को आखिरकार निलंबित कर दिया गया। देश भर में चर्चित यह मामला महोबा में भी खासी सुर्खियों में रहा।
एक सप्ताह पहले ही मनीष दुबे को महोबा में तैनात किया गया था। मनीष दुबे के महोबा में तैनात होते ही शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था। जिले में होमगार्ड विभाग के इतिहास में उन्हें पदभार ग्रहण करने से लेकर निलंबित होने तक विवादों में घिरे रहने के लिए ही जाना जाएगा। एक दिन पहले ही गुलाबी गैंग की महिलाओं ने शहर में प्रदर्शन करते हुए मनीष दुबे को महोबा से हटाने की मांग की थी।
जिसमें गुलाबी गैंग की महिलाओं ने नारा दिया था, मनीष को सस्पेंड कराना है, महोबा को बचाना है। चेतावनी दी थी कि यदि मनीष दुबे पर कार्रवाई नहीं की गई तो गुलाबी गैंग की महिलाएं हाथों में डंडा लेकर होमगार्ड कार्यालय का घेराव करेंगी। ऐसे में होमगार्ड के जवान पहले से ही अलर्ट हो गए। बुधवार को कार्यालय खुलते ही कर्मचारी अंदर पहुंचे। इसके बाद मुख्य गेट पर ताला डाल कर बंद रखा गया। इसके बाद किसी को भी कार्यालय में प्रवेश नहीं दिया गया।
होमगार्ड विभाग के जिला कमांडेंट मनीष दुबे ज्योति मौर्य प्रकरण में विवादों से घिरे हैं। लोग मनीष की कारगुजारियों को लेकर तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। जब से मनीष की तैनाती महोबा में हुई तो यहां के लोग भी इस मामले में पूरी तरह नजर बनाए रहे। लोग यही कह रहे हैं जैसी करनी वैसी भरनी। निलंबिपत किए जाने का आदेश जारी होने पर लोग यही बोले, बड़े बेआबरू होकर मनीष दुबे महोबा से निकले।
ज्योति मौर्य: पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य इस समय बरेली में शुगर मिल में महाप्रबंधक के पद पर तैनात हैं। उनकी शादी प्रयागराज निवासी सफाईकर्मी आलोक मौर्य के साथ वर्ष 2010 में हुई थी। होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे से प्रेम-प्रसंग के उन पर आरोप लगे। सोशल मीडिया में यह मुद्दा छाया हुआ है।
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