आयुष दाखिला में बड़ा घोटाला, एकाउंटेंट के नाम फर्जी खाता खोलकर काउंसिलिंग से पहले जमा कराया एडवांस
आयुष दाखिला घोटाले में मिर्जापुर के संतुष्टि मेडिकल कॉलेज के संचालकों ने अपने एकाउंटेंट को भी नहीं बख्शा था। वाराणसी के नेवादा स्थित संतुष्टि हास्पिटल में काम करने वाले एकाउंटेंट नीरज कुमार जायसवाल के आधार कार्ड और पैन कार्ड से फर्जी बैंक खाता खोलकर काउंसिलिंग से पहले छात्रों से एडवांस पैसा जमा कराया गया।
जब एसटीएफ ने नीरज को पूछताछ के लिए बुलाया तो उसने अपने बयान में हास्पिटल संचालक डॉ. रितु गर्ग और उनके पति संजय गर्ग पर फर्जी खाता खोलने का आरोप लगाया। जांच में सामने आया है कि संजय गर्ग ने खाता खुलवाने में प्रस्तावक की भूमिका निभाई थी, जबकि इसका संचालन उनका बेटा प्रांजल गर्ग कर रहा था।
एसटीएफ की पूछ-ताछ के बाद वाराणसी के जैतपुरा निवासी नीरज जायसवाल ने इस प्रकरण की शिकायत वाराणसी के पुलिस आयुक्त से की है। अपने शिकायती पत्र में उसने 20 मई को एसटीएफ की तरफ से भेजे गए नोटिस और पूछताछ किए जाने का जिक्र भी किया है।
नीरज ने अपनी शिकायत में कहा कि संतुष्टि हास्पिटल में जनवरी, 2020 में एकाउंटेंट के पद पर उसकी नियुक्ति हुई थी। उसे छह हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाते थे। इस दौरान उसका पैन कार्ड और आधार कार्ड की प्रति संचालक डॉ. रितु गर्ग और उनके पति संजय गर्ग ने ली। उसने आठ माह बाद नौकरी छोड़ दी थी। हालांकि उसके दस्तावेजों का इस्तेमाल करके बनारस हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में स्थित एचडीएफसी बैंक की शाखा में फर्जी बैंक खाता खोला गया। इसमें डॉ. रितु गर्ग के बेटे प्रांजल गर्ग का फोटो, हस्ताक्षर, मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी का इस्तेमाल हुआ।
एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि इस खाते के जरिए प्रांजल गर्ग ने अपने मोबाइल पर यूपीआई-आईडी भी बनाई। आयुष दाखिले की काउंसिलिंग से पहले तमाम छात्रों से इस खाते में बतौर एडवांस पैसा जमा कराया गया, जो नियमों के विरुद्ध है।
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