जीवा हत्याकांड के अभियुक्त विजय यादव को लेकर नित नये खुलासे कर रही है पुलिस तो परिजन घटना को लेकर है आश्चर्य चकित


गैंगस्टर संजीव को लखनऊ के कोर्ट रूम में मौत के घाट उतारने वाले शूटर विजय यादव को लेकर घटना की विवेचना कर रही एसटीएफ की टीम नित नये खुलासे कर रही है अब उसके पास से बरामद मोबाइल को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। वह मोबाइल नेपाल में ही खरीदा गया था। उसमें जिन सिमों का इस्तेमाल हुआ वह भी सभी नेपाल के थे। 
आगे जैसे जैसे जांच बढ़ेगी वैसे वैसे खुलासे हो रहे है।जांच टीम इस बात की पुष्टि करने में जुट गई है कि घटना की साजिश नेपाल में ही रची गई। वहीं पर मोबाइल व सिम खरीदे गए। जिससे वह जब वारदात को अंजाम दे तो पुलिस को अधिक जानकारी न मिल सके।
पुलिस ने विजय का मोबइाल फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है। जिससे डाटा रिकवर कराया जा सके। वारदात से पहले मोबाइल का डाटा डिलीट किया गया। चूंकि जब मोबाइल की आईएमईआई नंबर रन कराया गया तब पता चला कि उसमें सात आठ सिम इस्तेमाल किए गए जो नेपाल के थे।
एसआईटी प्रकरण में लगातार बयान दर्ज कर रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के बयान लिए। इसमें कुछ पुलिसकर्मी व अधिवक्ता शामिल रहे। वारदात में घायलों के भी बयान ले लिए हैं। जल्द एसआईटी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। सूत्रों के मुताबिक एसआईटी की अब तक की जांच में जिम्मेदारों की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है।
बता दें कि पुलिस हिरासत में लखनऊ के एससीएसटी कोर्ट रूम में सात जून को दोपहर बाद मुख्तार अंसारी के बेहद करीबी कुख्यात अपराधी संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा (50) की हत्या कर दी गई। वकील के लिबास में आए हमलावर ने कोर्ट रूम में ही रिवॉल्वर से ताबड़तोड़ छह राउंड फायरिंग की। 
इस दौरान दो पुलिसकर्मियों, एक डेढ़ साल की बच्ची व उसकी मां को भी गोली लगी। जीवा पर हमलावर ने पीछे से फायरिंग की। वारदात के बाद वकीलों ने दौड़कर हमलावर को दबोच लिया और पुलिस को सौंप दिया। घायलों को ट्रामा में भर्ती कराया गया है। 
 वारदात के बाद आक्रोशित वकीलों ने प्रदर्शन कर पथराव कर दिया। जिसमें एसीपी चौक का सिर फट गया। कई वाहन भी छतिग्रस्त हो गए। आलाधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे तब हालात पर काबू पा सके।
कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा के हत्या आरोपी विजय यादव की पुलिस कस्टडी रिमांड की अर्जी सोमवार को कोर्ट में पेश की गई। प्रभारी सीजेएम साक्षी गर्ग ने सुनवाई के लिए 14 जून की तारीख तय की है। साथ ही आरोपी को भी जेल से तलब किया है।
विवेचक मनोज मिश्रा ने सीजेएम कोर्ट में अर्जी देकर आरोपी को पूछताछ के लिए कस्टडी रिमांड पर दिये जाने की मांग की। पुलिस ने रिमांड लेने के लिए उसके संपर्कों, वारदात में सहायता करने वालों की जानकारी करने, उसके पास से बरामद रिवाॅल्वर के संबंध में पूछताछ करने की बात लिखी है।
यहां एक बात और भी है कि जीवा हत्याकांड के आरोपी विजय यादव के परिवार के लोग माता पिता और ग्रामीण जन लगातार यस बयान दे रहे है कि विजय को उसके जन्म काल से जानते है वह सीधा साधा युवक है कैसे इस हत्याकांड में शामिल हो गया आश्चर्य जनक बात है अब तक के जीवन काल में उसने गांव अथवा आसपास के गांव में किसी से विवाद अथवा मारपीट नहीं किया कैसे कोर्ट रूम में गोली चला दिया। ग्रामीण जन उसे अपराधी मानने को तैयार नहीं है।उनका कहना है कि विजय किसी बड़ी साजिश का शिकार हो गया है।

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