असिस्टेंट प्रोफेसर का निधन, विश्वविद्यालय परिवार हुआ शोकाकुल,आवास का गेट तोड़कर कर निकाली गई डेडबाडी
युवा वैज्ञानिक व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रोहतास (40) बीएचयू परिसर स्थित अपने आवास पर मृत मिले हैं। कमरे का ताला तोड़कर उनका शव बाहर निकाला गया। विश्वविद्यालय के प्रॉक्टोरियल बोर्ड की सूचना पर लंका थाने की पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया। डॉ. रोहतास के दोस्तों ने हार्ट अटैक की वजह से उनकी मौत की आशंका जताई है। असिस्टेंट प्रोफेसर की मौत की सूचना से सहयोगियों और विश्वविद्यालय परिवार में शोक छा गया है।
हरियाणा के करनाल के मूल निवासी बीएचयू के भू-भौतिकी विभाग में भूकंप वैज्ञानिक डॉ. रोहतास कुमार बीएचयू परिसर में ही टीचर्स फ्लैट के कमरा नंबर 80 में अकेले रहते थे। टीचर्स फ्लैट में रहने वाले लोगों ने बताया कि गुरुवार सुबह करीब 8 बजे वह कूड़े वाले को कचरा देने के लिए बाहर आए थे। तब उन्हें देखा गया था। इसके बाद वह घर के अंदर चले गए।
खबर है कि उनके दोस्तों ने उन्हें कई बार फोन किया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई। इसके बाद दोस्त उनके घर पहुंचे। कई बार खटखटाने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला, फिर किसी तरह फ्लैट का मुख्य दरवाजा खोलकर अंदर प्रवेश किया गया। अंदर वाले कमरे का दरवाजा भी बंद था। इसके बाद दोस्तों ने प्रॉक्टोरियल बोर्ड को जानकारी दी।
सूचना पर पहुंची प्रॉक्टोरियल बोर्ड की टीम ने दरवाजा तोड़ा तो डॉ. रोहतास बेड पर अचेत पड़े थे। बोर्ड के सदस्य उन्हें अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। लंका थाने की पुलिस ने हरियाणा में रहने वाले परिजनों को घटना की जानकारी दी।
इंस्पेक्टर लंका अश्वनी पांडेय ने कहा कि डॉ. रोहतास का शव मोर्चरी में रखवाया गया है। कमरे से सुसाइड नोट वगैरह नहीं मिला है। परिजनों के आने पर शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। पोस्टमार्टम के बाद ही मौत की वजह स्पष्ट हो सकेगी।
डॉ. रोहतास ने वर्ष 2000 में बीएचयू से ही पीएचडी की थी। 2013 तक आईआईटी रुड़की में शोधार्थी के तौर पर काम किया था। 2016 में बीएचयू में सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्त किए गए।
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