मधुमेह और उच्च रक्तचाप के मरीजो का होगा सरकारी व्यवस्था से मुफ्त इलाज,चिन्हिकरण अभियान जारी
जौनपुर। डायबिटीज और उच्च रक्तचाप की बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए अभियान चल रहा है। ऐसे मरीजों को चिन्हित कर स्वास्थ्य विभाग मुफ्त इलाज कराएगा। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए खाका तैयार कर रहा है। स्वास्थ्य टीम घर-घर जाकर ऐसे मरीजों को चिन्हित कर रही है, जो लोग उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित हैं। सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक उच्च रक्तचाप और डायबिटीज को देश से पूरी तरह खत्म करना है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बताते हैं कि मधुमेह और उच्च रक्तचाप एनसीडी (नान कम्युनिकेबल डिजीज) गैर संचारी रोग के अंतर्गत आते हैं। मधुमेह रोगी के लक्षण हमेशा स्पष्ट नहीं होते। बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि उन्हें मधुमेह है। यही कारण है की कई मधुमेह के मरीजों को बाद में पता चलता है की उन्हें डायबिटीज था डॉक्टर के मुताबिक कई बार मधुमेह के लक्षण आपको अस्वस्थ महसूस नहीं कराते हैं। जिसके कारण रोग का पता नहीं चलता है और निदान नहीं किया जाता है। वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ और आईएमए के जिलाध्यक्ष डाॅ. अरुण कुमार मिश्र का कहना है कि संस्था आरएसएसडीआई (रिसर्च सोसाइटी फार द स्टडी आफ द डायबिटीज इन इंडिया) के अनुसार देश की 25 प्रतिशत (एडल्ट) युवा किसी न किसी रूप में ( इंसुलीन रजिस्टेंस) मधुमेह से प्रभावित हैं। लेकिन इनमें लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। हालांकि देश में मधुमेह के रोगियों का कोई डाटा उपलब्ध नहीं है।
खाना खाने के बाद थकान महसूस करना, खाने की आपकी इच्छा और बढ़ जाना, बार-बार पेशाब करने का अनुभव होना, खासकर रात के समय। असामान्य प्यास लगना, धुंधली दृष्टि होना या धुंधला दिखना, शरीर का घाव धीरे-धीरे भरना, त्वचा पर संक्रमण, अचानक वजन कम होना, बार-बार संक्रमण हो जाना, हाथ या पैर में झुनझुनाहट महसूस होना इसके लक्षण हैं।
डाॅ राजीव कुमार यादव एसीएमओ बताते है कि
मधुमेह गैर संचारी रोग के अन्तर्गत आता है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के अलावा सीएचसी व पीएचसी पर इन मरीजों की जांच कर मुफ्त में इलाज किया जा रहा है। लेकिन अब शासन की मंशा है कि स्वास्थ्य टीम से घर-घर सर्वे कराकर ऐसे मरीजों का इलाज कराया जाएगा। ताकि 2025 तक मधुमेह और उच्च रक्तचाप की बीमारी को समूल नष्ट किया जा सके।
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