दलित विरोधी होने के कारण पीएम मोदी ने इस समाज की राष्ट्रपति से नहीं कराया संसद भवन का उद्घाटन- सत्यवीर सिंह


जौनपुर। राष्ट्रपति से नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं कराने पर अब कांग्रेस ने प्रदेश में जुबानी सियासी जंग छेड़ दिया है इस क्रम में सांसद भवन उद्घाटित होते ही उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं मिर्जापुर प्रभारी सत्यवीर  सिंह ने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा है कि महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपती मुर्मू को दलित समुदाय से होने की वजह से नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं कराया गया है।
प्रदेश सचिव सत्यवीर सिंह ने कहा है कि बीजेपी की मानसिकता हमेशा से दलितों और आदिवासियों के खिलाफ रही है। मोदी जी ने दो राष्ट्रपतियों का अपमान किया है। इतना ही नहीं शिलान्यास में उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी को भी नहीं बुलाया।   उद्घाटन में भी उन्होंने दलित महिला वर्तमान राष्ट्रपति मुर्मू जी को नहीं बुलाया जो स्पष्ट संकेत करता है कि प्रधानमंत्री कितने बड़े दलित विरोधी है।प्रधानमंत्री जी ने नई संसद का उद्घाटन आखिर राष्ट्रपति जी के हाथों क्यों नहीं करवाया सिंह ने अपने वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की मानसिकता हमेशा से आदिवासियों के खिलाफ रही है। बीजेपी आज भी समाज के वंचित लोगों खास कर दलित-आदिवासी समाज को अछूत मानती है।अगर कोई शुभ कार्य की शुरुआत इनसे कराई जाएगी तो अपशकुन हो जाएगा और इसी वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नहीं दो महामहिम राष्ट्रपति का अपमान किया है। सत्यवीर सिंह ने कहा है कि जब संसद भवन का शिलान्यास था तब तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया था।अब उद्घाटन में महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को नहीं बुलाया गया। क्योंकि मोदी जी ऐसा मानते हैं कि इस नई संसद की शुरुआत अगर एक आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्वारा होगा तो अपशकुन माना जाएगा। सत्यवीर सिंह  का कहना है कि इसी कारण से मोदी जी ने महामहिम राष्ट्रपति को नहीं बुलाया। यह आदिवासी समाज का दलित समाज का घोर अपमान है। भारत के राष्ट्रपति का घोर अपमान है।
बता दें कि करीब 20 विपक्षी दलों ने ऐसी ही मांग करते हुए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम से अपने को दूर रखने का ऐलान किया। वहीं केंद्रीय मंत्री, वहीं प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख होते हैं। वे सरकार की ओर से संसद का नेतृत्व करते हैं। जिनकी नीतियां कानून के रूप में लागू होती है। राष्ट्रपति किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। कांग्रेस पार्टी भारतीय जनता पार्टी के दलित विरोधी रवैया  का  पुरजोर विरोध करती है।

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