प्रदेश की राजधानी सहित 40 से अधिक जिलो में शनिवार की दोपहर तेज आंधी के साथ बरसात
प्रदेश में शनिवार की दोपहर 40 से अधिक जिलों में तेज आंधी के साथ हुई बारिश से मौसम बदल गया है। बारिश से लोगों ने राहत की सांस ली तो वहीं बारिश के बाद बढ़ी उसम से लोग परेशान भी हुए। वहीं लखनऊ सहित अन्य जिलों में छह से आठ डिग्री तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। लखनऊ में शनिवार दोपहर अचानक मौसम बदल गया। तेज आंधी के बाद झमाझम बारिश ने मौसम को खुशनुमा कर दिया। बता दें कि प्रदेश के बीस से अधिक शहरों में बरसात हो रही है। इसी के साथ मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक बारिश के आसार जताए हैं।
बीते गुरुवार की रात से शुरू हुई छिटपुट बारिश शुक्रवार की सुबह तक जारी रही। शनिवार को भी इसका असर नजर आया। बारिश के चलते राजधानी के अधिकतम तापमान में लगभग आठ डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार, बादलों की आवाजाही के साथ प्रदेश के कुछ जगहों पर एक जून तक छिटपुट बारिश के आसार हैं। हालांकि अन्य जगहों पर तेज धूप से पारा चढ़ेगा। मौसम केंद्र लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक दानिश के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ अब धीरे-धीरे कमजोर पड़ रहा है।
इसके चलते अब प्रदेश के कुछ अलग अलग हिस्सों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धूल भरी आंधी के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में छिटपुट बारिश के साथ धीरे-धीरे मौसम साफ होने लगेगा। शनिवार से पूर्वी उत्तर प्रदेश के हिस्सों में बारिश में कमी देखी जाएगी। शुक्रवार को लखनऊ का अधिकतम तापमान सामान्य से 8.9 डिग्री गिरकर 31.2 डिग्री सेल्सियस पर दर्ज हुआ। वहीं न्यूनतम तापमान में भी 4.9 डिग्री तक की गिरावट के साथ तापमान 20.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
प्रदेशभर में अधिकतम तापमान में छह से आठ डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई है। सर्वाधिक तापमान उरई में 37 डिग्री सेल्सियस और झांसी में 36.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रात भर बारिश से प्रदेश भर में न्यूनतम तापमान में चार से छह डिग्री तक की गिरावट दर्ज की है। सबसे कम तापमान मेरठ और बरेली में 17.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
नौतपा की ठंडी शुरुआत से कमजोर मानसून के आसार बन रहे हैं। नौतपा के पहले दिन गुरुवार को 33 और शुक्रवार को 30 डिग्री तापमान रहा है। अभी 28 मई तक मौसम ऐसा ही बने रहने की उम्मीद है। मौसम का यह बदलाव केरल से आने वाले सालाना मानसून की राह भटका सकता है। मौसम विभाग ने भी केरल में मानसून के देर से (चार जून तक) आने की संभावना जताई है लेकिन कानपुर के मौसम विज्ञानियों को नौतपा के तपने का इंतजार है।
आगामी चार जून तक नौतपा है। मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय के अनुसार जब सूरज खूब तपता है तो मैदानी क्षेत्र के वायु मंडल में कम दबाव का वायु क्षेत्र निर्मित होता है। हवाएं हमेशा कम दबाव क्षेत्र की ओर बहती हैं। नौतपा से बनने वाले कम दबाव वायु क्षेत्र में केरल से आने वाली मानसून हवाएं तेजी से पहुंचती हैं और वर्षा की वजह बनती हैं।
कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डा, एसएन सुनील पांडेय के अनुसार शुक्रवार की सुबह हुई वर्षा का लाभ किसानों को मिलने वाला है जो किसान धान की फसल के लिए अपने खेत को तैयार करने में जुटे थे अब वह आसानी से धान की बुवाई कर सकेंगे। अगले 2 दिन के दौरान वर्षा और होने की संभावना है इससे धान की खेती में बीज बुवाई के दौरान अतिरिक्त सिंचाई की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। जब धान की रोपाई होगी तब तक मानसून की वर्षा शुरू होने की उम्मीद बनी हुई है।
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