निकाय चुनाव: नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के लिए जानें किसके बीच में होगी कांटे की टक्कर, किसकी प्रतिष्ठा लगी है दांव पर

जौनपुर। निकाय सामान्य निर्वाचन के तहत नामांकन वापसी के बाद अब चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की स्थिति साफ होने के बाद संकेत भी मिलने लगा है कि चेयरमैन का ताज किसके सर जा सकता है। इसके तहत जौनपुर नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद की बात की जाये तो यहां पर प्रमुख राजनैतिक दलो सहित निर्दल कुल 09 महिला प्रत्याशी चुनाव के मैदान में मतदाताओ को अपनी ओर आकर्षित करने में जुट गयी है। मुख्यालय के 39 वार्डो में 229 महिला पुरूष सभासद बनने के लिए मतदाताओ के दर पर मत्था टेकते नजर आ रहे है।
यहां पर अध्यक्ष के लिए प्रमुख दलो के प्रत्याशियों की बात करें तो सत्तारूढ़ दल भाजपा ने मौर्य समाज पर दांव लगाते हुए डाॅ राम सूरत मौर्य की पत्नी मनोरमा मौर्या को प्रत्याशी बनाया है। बसपा से निवर्तमान अध्यक्ष नगर पालिका परिषद जौनपुर माया टंडन पूर्व अध्यक्ष नगर पालिका परिषद जौनपुर दिनेश टंडन की पत्नी  एक बार फिर चुनाव में पूरी ताकत से ताल ठोंकते हुए मतदाताओ के यहां दस्तक दे रहीं है। सपा की बात करें तो सपा ने चुनाव में आने का कोरम पूरा करते हुए उषा जायसवाल पत्नी श्रवण जयसवाल को चुनाव के मैदान में उतारा है। वहीं आम आदमी पार्टी ने नगर पालिका के हर चुनाव में दल बदलने वाली डाॅ चित्रलेखा सिंह पत्नी बिजली विभाग के कर्मचारी नेता निखिलेश सिंह को चुनाव मैदान में लाकर खड़ा कर दिया है। यहां बता दें कि चुनाव घोषित होने तक डाॅ चित्रलेखा सिंह सपा की सदस्य रही है। कांग्रेस ने भी अल्पसंख्यक समुदाय पर दांव लगाते हुए दरख्शा खातून पत्नी इश्त्याक को अपना प्रत्याशी बनाया है। शेष चार महिलाएं निर्दल चुनाव मैदान में डटी है और नगर पालिका के अध्यक्ष पद को पाने का सपना देख रही है।
अब इस चुनाव में ताल ठोकने वाले राजनैतिक दल के प्रत्याशियों की भी समीक्षा जरूरी है। इस क्रम में बता दें कि बसपा प्रत्याशी माया टंडन और इनके पति दिनेश टंडन विगत 22 वर्षो से नगर पालिका की कुर्सी पर रहते हुए नगर पालिका क्षेत्र के सबसे लोकप्रिय और व्यवहार कुशल अध्यक्ष के रूप में खुद को स्थापित कर लिये है। जब तक अन्य दलो के प्रत्याशी टिकट के लिए अपने आकाओं के यहां मत्था टेक रहे थे तब तक दिनेश टंडन और माया टंडन ने मतदाताओ के दर पर पहुंच कर हाजिरी लगाते हुए उनसे आशिर्वाद हांसिल करने में सफल रहे है और पूरी मजबूती के साथ चुनाव के मैदान में अन्य राजनैतिक दल के प्रत्याशियों को टक्कर दे रहे है।
सत्तारूढ़ दल भाजपा की बात करें तो यहां टिकटार्थियों की लम्बी कतार थी। नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के अन्तिम दौर में यहां पर टिकट फाइनल किया गया और पार्टी ने मौर्य समाज पर दांव खेलते हुए डाॅ राम सूरत मौर्य की पत्नी मनोरमा मौर्या को चुनावी मैदान में उतार दिया। नामांकन के बाद मौर्या के साथ भाजपा की टीम मतदाताओ के यहां दस्तक दे रही है लेकिन अभी भी बसपा प्रत्याशी के प्रचार अभियान से कोसो पीछे नजर आ रही है। भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में जौनपुर शहर विधान सभा से चुने गए विधायक एवं प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार गिरीश चन्द यादव लगातार डोर टू डोर प्रचार अभियान चलाते हुए जन सम्पर्क खुद भी कर रहे है ताकि भाजपा प्रत्याशी को नगर पालिका परिषद की कुर्सी पर आसीन कराया जा सके। इस चुनाव में मंत्री ने भी अपनी प्रतिष्ठा को भी दांव पर लगा दिया है।हालांकि प्रत्याशी के पक्ष में जहां एक ओर पार्टी खड़ी है वहीं टिकट न पाने वाले अन्दर खाने में ऐसा खेल कर रहे है कि नैया का पार लगना कठिन होगा।
सपा की बात करें तो यहां पर पहले मौर्य को टिकट दिया गया लेकिन भाजपा से मौर्य प्रत्याशी घोषित होने के बाद सपा ने मौर्य के स्थान पर चुनाव में आना मजबूरी मानते हुए उषा जायसवाल पत्नी श्रवण जयसवाल को चुनाव मैदान में उतार दिया है। यहां एक जानकारी देदें कि चुनाव घोषित होने तक उषा जायसवाल हिन्दू संगठन से जुड़कर काम करती रही है सपा की विचार धारा से ताल्लुक नहीं रखती थी। लेकिन अब सपा की अधिकृत प्रत्याशी है। इसी तरह कल तक सपा की सदस्य रही डाॅ चित्रलेखा सिंह पत्नी निखिलेश सिंह टिकट न मिलने पर आप से जुड़ी और चुनावी मैदान में आ गई। इनके बारे में आम चर्चा है कि विगत कई चुनाव से वोट काटने के लिए मैदान में आती है और बार दल बदलती रहती है। कांग्रेस जो वर्तमान में जनधार विहीन पार्टी बनकर रह गई है उसने इस बार अल्पसंख्यक समुदाय पर दांव खेलते हुए दरख्शा खातून पत्नी इश्त्याक को मैदान में उतार दिया है। हालांकि इनका कोई राजनैतिक अथवा सामाजिक स्टेटस नहीं है इसके बाद भी मीडिया के जरिए दावा ठोक रहीं है कि लोकप्रिय और मजबूत प्रत्याशियों के वोट में सेंधमारी करेगी। इनके बयान केवल खयाली पुलाव के अलांवा कुछ भी दम नहीं रखते है।
इस तरह अगर बारीक नजर से देखा जाये और मतदाताओ की नब्ज टटोलने से भी एक संकेत मिला है कि नगर पालिका परिषद के इस चुनाव में बसपा प्रत्याशी निवर्तमान अध्यक्ष नगर पालिका परिषद माया टंडन पत्नी दिनेश टंडन पूर्व अध्यक्ष नगर पालिका और भाजपा प्रत्याशी मनोरमा मौर्या पत्नी डाॅ राम सूरत मौर्य के बीच अन्तिम रूप से जंग होगी। शेष सभी केवल चुनाव लड़ाई लड़ रहे है। हलांकि नगर पालिका परिषद क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओ की तादाद खासी अच्छी है और वही पूरी तरह से शान्त है। सूत्र बता रहे है कि भाजपा को कड़ी टक्कर देने वाले प्रत्याशी के साथ जा सकते है। प्रत्याशियों को मैदान में आने के बाद उनकी लोकप्रियता के आधार पर आगामी चेयरमैन का भी संकेत नजर आने लगा है।

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