अफजाल अंसारी की सांसदी होगी खत्म,अंसारी बन्धुओं को मिली गयी कोर्ट से सजा


गैंगस्टर केस में गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी और उसके बड़े भाई सांसद अफजाल अंसारी को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने मुख्तार को  दस साल की सजा और पांच लाख रुपये से जुर्माने से दंडित किया। जबकि अफजाल अंसारी को चार साल की सजा के साथ एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
चार साल की सजा होने के साथ ही अफजाल अंसारी की लोकसभा सदस्यता जानी तय है। भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में दर्ज केस के आधार पर अफजाल अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर का केस दर्ज हुआ था।
मुख्तार अंसारी के खिलाफ भाजपा विधायक कृष्णानंद राय और नंदकिशोर गुप्ता रुंगटा की हत्या के मामले में गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज था। दोनों भाइयों के खिलाफ मुहम्मदाबाद थाने में 2007 में क्राइम नंबर 1051 और 1052 दर्ज हुआ था। 
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से सरजू पांडेय सरीखे नेता के मार्गदर्शन में राजनीतिक कैरियर शुरू करने वाले अफजाल अंसारी छह बार विधायक और दो बार सांसद चुने गए। सांसद अफजाल अंसारी ने सियासत का आगाज अपने गृहगृक्षेत्र गाजीपुर के मुहम्मदाबाद से किया। वामपंथ राजनीति से लेकर समाजवाद और फिर बसपा के साथ सियासी सफर में अफजाल ने कई उतार चढ़ाव देखे। रसूख की राजनीति करने वाले अफजाल की छवि को कृष्णानंद राय हत्याकांड ने धूमिल किया।
अफजाल अंसारी 1985 में मुहम्मदाबाद से पहली बार भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी से विधायक बने। उसके बाद वर्ष 1996 तक लगातार पांच बार विधानसभा में पहुंचतेरहे। इसके अलावा वह गाजीपुर संसदीय क्षेत्र से दो बार सांसद भी निर्वाचित हुए।साल 2002 के विधानसभा चुनाव में अफजाल अंसारी हार गए और 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्हें गाजीपुर संसदीय सीट से समाजवादी पार्टी ने टिकट दे दिया। इस चुनाव में अफजाल अंसारी ने बीजेपी के खिलाफ जीत दर्ज की। इसके बाद अफजाल 2009 और 2014 में चुनाव लड़े लेकिन हार गए। 2019 में भाजपा के सांसद मनोज सिन्हा को हराकर लोकसभा में पहुंचे है। 
दिवंगत विधायक कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि हमारे पिता की 18 साल पहले हत्या हुई थी लेकिन मुख्तार अंसारी के खिलाफ हमारा संघर्ष 28 वर्षों का है। उन्होंने कहा कि आज का फैसला मेरी मां के लिए बहुत दिन है। मेरी मां ने उनके खिलाफ लड़ाई लड़ते-लड़ते अपने जीवन के 30 साल गंवा दिए।
पीयूष ने कहा कि जब हमारे पिता की हत्या हुई तब उनकी शिखा भी काटी गई थी। वह एक समाज की शिखा काटी गई थी। आज उस शिखा का मान न्यायपालिका ने बढ़ाया है। उन्होंने सीएम योगी के लिए कहा कि उन्होंने ऐसे माफिया के खिलाफ जो इच्छाशक्ति दिखाई है, वह अगर पहले किसी ने दिखाई होती तो आज ऐसे दिन नहीं देखने पड़ते। 
जनवरी 1997 में कोयला व्यापारी और वीएचपी कोषाध्यक्ष नंदकिशोर रूंगटा का उसके घर से अपहरण कर फिर हत्या की गई थी. जानकारी के मुताबिक रूंगटा के परिवार से पांच करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की गई थी। परिवार ने 1.5 करोड़ भी दे दिए थे लेकिन बाद में रूंगटा की हत्या कर दी गई थी।   इस मामले में मुख्तार अंसारी पर आरोप लगा था. इस मामले में उन पर गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज किया गया था।

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