ग्रामीण जनों ने रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन कर रोकी ट्रेन और बन्द रास्ते को खोलने की उठाई मांग


जौनपुर। जौनपुर- औढ़िहार रेल मार्ग पर स्थित धर्मापुर के पास राजेपुर गांव के पास लगभग डेढ़ माह पहले रेलवे ट्रैक के गेट नंबर 37 को बंद कर दिये जाने से गुस्साए ग्रामीणों ने शनिवार की सुबह लगभग नौ बजे औड़िहार से जौनपुर आ रही पैसेंजर ट्रेन को रोककर प्रदर्शन किया। साथ ही मांग किया कि यहां अंडरपास बनाया जाए अथवा पूर्व की तरह रेलवे फाटक को चालू किया जाए। ग्रामीण जनों के प्रदर्शन के कारण लगभग 22 मिनट तक ट्रेन को रूकी रही। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह से लोगों को समझाकर शांत कराया।
राजेपुर गांव के पास रेलवे ट्रैक पर गेट नंबर 37 पर रेलवे क्रॉसिंग पर फाटक लगा हुआ था। इस रास्ते से ग्रामीणों को जौनपुर-आजमगढ़ हाईवे से धर्मापुर जाने के लिए मात्र तीन किलोमीटर चलना पड़ता था। ग्रामीणों के अनुसार गेट को बंद कर दिए जाने की वजह से अब ग्रामीणों को केराकत तिराहे से घूमकर लंबे रास्ते से धर्मापुर जाना पड़ रहा है।
ग्रामीण इस गेट को खोलने के लिए क्षेत्रीय सांसद बीपी सरोज से लेकर हर स्तर पर अपनी मांग रख चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई न होने से नाराज ग्रामीणों ने शनिवार को संघर्ष का रास्ता अख्तियार करते हुए ट्रेन को लाल झन्डी दिखाकर औड़िहार से जौनपुर आ रही पैसेंजर ट्रेन को सुबह रोक दिया। ट्रेन रोके जाने की सूचना पर गौराबादशाहपुर थाने के उप निरीक्षक फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों को काफी समझाने बुझाने के बाद तथा मामला शांत  कराया है।
प्रदर्शन के दौरान लगभग 22 मिनट तक पैसेंजर ट्रेन रुकी रही तत्पश्चात अपने गंतव्य को रवाना हुई। विरोध प्रदर्शन करने वालों में मुख्य रूप से सतीश शुक्ला, छोटे लाल यादव, विजय प्रकाश शुक्ला, विकास सिंह, बुलट सिंह, नागेंद्र कुमार, उमाकांत यादव, प्रभावती देवी, सरोजा देवी, चन्द्रधर शुक्ला, आशा, गुलाबी देवी, बहादुर यादव, आजाद सिंह, विनय शुक्ला, ढीले गौतम, राम लखन, भोला नाथ, राम मिलन, लालचंद आदि ग्रामीण शामिल रहे।

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