31 साल पुराने मामले में छह पुलिस कर्मियों को मिली सजा,जानें क्या है कहांनी
जनपद मिर्जापुर में विंध्याचल थाना क्षेत्र के बिरोही गांव में गांजा तस्कर के यहां पुलिस की दबिश के दौरान आग लगने से महिला की मौत के 31 वर्ष पुराने मामले की शनिवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश वायु नंदन मिश्र ने सुनवाई की। जज ने एनडीपीएस एक्ट के इस मामले में तत्कालीन विंध्याचल थानाध्यक्ष समेत छह सेवानिवृत्त पुलिसकर्मियों को पांच-पांच वर्ष कारावास की सजा सुनाई।
विंध्याचल पुलिस ने 24 अगस्त 1992 को मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस के अनुसार, उनको सूचना मिली थी कि बिरोही गांव निवासी भोला गांजा का धंधा करता है। इस समय वह घर पर है। इस पर थानाध्यक्ष समेत पुलिस टीम ने घर पर दबिश दी। लेकिन, भोला तिवारी छत से बोरी फेंककर भाग गया। बोरी में सवा किलो गांजा बरामद हुआ। इसी दौरान उसकी मां रामपत्ती ने मिट्टी का तेल छिड़कर आग लगा ली। रामपत्ती की उसी दिन मौत हो गई। सुभाष ने डीएम, एसपी के अलावा समाज व महिला कल्याण मंत्री से मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की। आरोप लगाया कि विंध्याचल पुलिस ने घर पर पहुंच कर छोटे भाई के बारे में पूछताछ की। पुलिस ने दुर्व्यवहार किया। इस पर मां ने आग लगा ली।
मामले की जांच सीबीसीआईडी को दी गई। इसमें विंध्याचल के तत्कालीन निरीक्षक समेत नौ पुलिसकर्मियों पर एनडीपीएस समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। सीबीसीआईडी ने जांच कर विवेचना न्यायालय में पेश की। मामले में शनिवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश वायु नंदन मिश्र ने फैसला सुनाया। आरोपी पुलिसकर्मियों के अधिवक्ता की ओर से कहा गया कि पुलिसकर्मी सेवानिवृत्त होने के कारण अत्यधिक उम्र के हैं। कुछ बीमार व बुजुर्ग हैं। इनका इलाज चल रहा है। सजा सुनाते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि सीबीसीआईडी की जांच में पाया गया कि गांजा भोला के पास से नहीं मिला था। इस कारण आरोपी पुलिसकर्मियों के कब्जे से गांजा मिलने का प्रमाण पुष्ट है। जज ने सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी एके सिंह, सुरेंद्र नाथ राय, रामअचल ओझा, राम सिंहासन सिंह, दीना सिंह, दिनेश बहादुर सिंह को एनडीपीएस एक्ट में पांच-पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 50-50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया। अर्थदंड नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
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