बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल से जनता में त्राहिमाम,प्रशासन भी टेक दिया घुटना

जौनपुर। बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल से विद्युत आपूर्ति बाधाओ से निपटने के लिए विभाग के अधिकारियों और जिला प्रशासन के दावों की हवा निकालते हुए बिजली विभाग के हड़ताली कर्मचारी अपनी योजना के तहत विद्युत आपूर्ति में बाधा उत्पन्न करके जन मानस के सामान्य जन जीवन पर एक बड़ी समस्या पैदा कर दिए है। हलांकि जिला प्रशासन के अधिकारी एवं बिजली विभाग के अधिकारी दावा कर रहे है कि कर्मचारियों के हड़ताल का कोई असर नहीं है। लेकिन सच ठीक इसके उलट नजर आ रहा है जन मानस पानी और प्रकाश की समस्या को लेकर विलविला रहा है।
यहां बता दे कि प्रस्तावित हड़ताल की खबर आते ही जिला प्रशासन से लेकर शासन तक के अधिकारी बैठके करते हुए बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल से निपटने की योजना बना रहे थे। 16 मार्च गुरुवार को सायंकाल 07 बजे बिजली विभाग के कर्मचारी गण जनपद को अंधेरे में झोकते हुए हड़ताल पर चल दिये। इसके बाद प्रशासन और विभाग के अधिकारी समस्या के समाधान हेतु कागजी कवायत शुरू किये लेकिन आज शनिवार 18 मार्च तक समस्या का समाधान प्रशासन और विभाग के अधिकारी नहीं कर सके है।
बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल का असर ग्रामीण क्षेत्रो में असर भले ही कम हो लेकिन शहरी इलाके के लोग त्राहिमाम बोल दिये है।हड़ताल के 48 घन्टे बीतते बीतते बिजली विभाग के अधिकारी गण जो सार्वजनिक किये थे स्वीच आफ कर लिए है ताकि जनता को कोई जवाब न देना पड़े और हड़ताली अपना हड़ताल चलाते रहे। बिजली गायब होने से सबसे बड़ी समस्या पेयजल की उत्पन्न हो गयी है। हलांकि प्रशासन जनेटर के जरिए पम्प चलवा कर जलापूर्ति का दावा कर रहा है । लेकिन सच यह है कि जनेटर व्यवस्था पूरी तरह नाकाफी साबित हुई है।
बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता कोरो दावा कर रहे है कि बिजली निर्बाध गति से चल रही है जो पूरी तरह असत्य और कागजी साबित हो गया है।

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