सड़क जाम ने लेली बालक की जान, जानें फिर क्या हुआ,आखिर जाम के लिए जिम्मेदार कौन?
वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर मारकुंडी घाटी में लगे जाम ने बुधवार को एक बालक की जान ले ली। गंभीर रूप से बीमार बालक को उपचार के लिए वाराणसी ले जाते समय एंबुलेंस जाम में फंस गई। भीषण जाम में फंसी एंबुलेंस सायरन बजाती रह गई और इलाज मिलने में देरी हो जाने से घायल की तड़पकर जान चली गई।
घटना से नाराज परिजनों ने सड़क शव पर रखकर चक्काजाम कर दिया। जाम का कारण खनन विभाग की ओर से की जा रही वाहनों की चेकिंग को बताया जा रहा है। चक्काजाम की सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया।
उप खनिज लदे वाहनों की जांच के लिए खनिज विभाग ने लोढ़ी टोल प्लाजा के समीप बैरियर बनाया है। आरोप है कि बुधवार सुबह से ही बैरियर पर वाहनों की जांच की जा रही थी। जाम से बचने के लिए कई चालक ट्रक को सड़क किनारे खड़ा कर फरार हो गए। आड़े-तिरछे वाहन खड़े होने से हाईवे पर लंबा जाम लग गया। इसी जाम में मध्य प्रदेश के सिंगरौली निवासी मरीज चांद (7) को एंबुलेंस में लेकर परिजन वाराणसी जा रहे थे।
जाम के कारण मारकुंडी घाटी में एंबुलेंस काफी देर तक फंसी रही। लगातार एंबुलेंस का सायरन बजता रहा, लेकिन उसे निकलने के लिए जगह नहीं मिल पाई। करीब आधे घंटे तक जाम में फंसी एंबुलेंस जैसे-तैसे बाहर निकली, मगर तब तक बीमार चांद की मौत हो चुकी थी। बालक के मौत की जानकारी मिलते ही परिजनों में चीख-पुकार मच गई।
शव को सड़क पर रखकर परिजनों ने जाम लगा दिया। बालक की मौत के लिए जाम को जिम्मेदार ठहराया। परिजनों को कहना था कि घटनास्थल से महज पांच सौ मीटर दूरी पर ही जिला अस्पताल था, अगर जाम न होता तो एंबुलेंस कम से कम जिला अस्पताल तक पहुंच गया होता। जिससे बालक को आपात चिकित्सा मुहैया कराई जा सकती थी।
जाम की खबर मिलते ही सीओ राहुल पांडेय, कोतवाल बाल मुकुंद मिश्र फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। परिजनों को समझा-बुझाकर जाम समाप्त कराया। यह आश्वासन दिया कि आगे से चेकिंग के दौरान जाम न लगने व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा।
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