पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जेडीयू का राष्ट्रीय महासचिव बनाए जानें के तलाशे जा रहे है सियासी मायने
जौनपुर। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने एक बार फिर पूर्व सांसद धनंजय सिंह को राष्ट्रीय महासचिव बनाया है। इससे समर्थकों में खुशी है। यूपी से धनंजय सिंह को अहम जिम्मेदारी मिलने से लोकसभा चुनाव में जेडीयू के सियासी मायने तलाशे जा रहे है।
दो बार विधायक रहे धनंजय सिंह एक बार जौनपुर से सांसद भी रह चुके हैं। उनकी पत्नी श्रीकला धनंजय सिंह इस समय जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। इनके पिता राजदेव सिंह भी रारी विधान सभा सीट से विधायक रह चुके हैं। एक बार फिर से राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने पर धनंजय सिंह ने बयान जारी किया कि वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह के साथ ही मुख्यमंत्री बिहार नीतीश कुमार को इसके लिए धन्यवाद देते हैं।
इधर, राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि धनंजय सिंह को राष्ट्रीय महासचिव बनाकर जेडीयू ने यूपी के पूर्वांचल को साधने के लिए बड़ा सियासी दांव चला है। नीतीश कुमार की पार्टी के इस फैसले को अब बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है। लोकसभा चुनाव से पहले इसे नीतीश कुमार का नया दांव माना जा रहा है। 2022 के यूपी विधानसभा के चुनाव में धनंजय सिंह जेडीयू के टिकट पर मल्हनी से चुनाव भी लड़े थे। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
जौनपुर के बनसफा में जन्मे धनंजय सिंह ने 1995 में लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक और 2008 में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर से परास्नातक की डिग्री हासिल की है। लखनऊ विश्वविद्यालय में मंडल कमीशन का विरोध कर धनंजय ने अपनी छात्र राजनीति को धार दी। अब प्रदेश की सियासत में अपनी ताकत का एहसास कराने में जुटे हुए है।
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