आजकल देश में बढ़ रहे वृद्धाश्रम कल्चर चिन्ता का विषय है क्या यही है हमारी शिक्षा - आनन्दी बेन पटेल
जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 26वें दीक्षान्त समारोह में बतौर कार्यक्रम अध्यक्ष प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनन्दी बेने पटेल का सम्बोधन मात्रि शक्ति और युवा शक्ति के साथ कौशल मिशन पर आधारित रहा। उन्होंने कहा कि किसी भी युवक को उचाइयों पर पहुंचने में माता पिता और गुरूजनो का बड़ा योगदान रहता है। लेकिन आजकल देश में बढ़ रहे वृद्धाश्रम चिन्ता का बिषय है। आज जरूरत है कि उच्च शिक्षालयों में ऐसी शिक्षा दी जाये कि युवक अपने माता पिता का सम्मान कर सके। श्रीमती पटेल ने मार्मिक सम्बोधन करते हुए कहा कि किसी भी बच्चे के विकास में मां की भूमिका बड़ी ही महत्वपूर्ण होती है। बच्चा जन्म लेता है तभी से माता पिता भले भूखे रहे लेकिन अपने बच्चो को बेटा हो या बेटी उसे भूखा नहीं रखते है। लेकिन जब वे वृद्ध हो जाते है देख नहीं सकते चल नहीं सकते तब उन्हे वृद्धाश्रम भेज दिया जाता है जो चिन्ता का विषय है। क्या यही हमारी शिक्षा है। इसमें बदलाव की जरूरत है ताकि बेटा बेटी अपने माता पिता बुढ़ापे का सहारा बन सके और अपने माता पिता की सेवा कर सके।
महिला सशक्तिकरण की चर्चा करते हुए महा महिम राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि महिला आज समाज की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। महिला क्या नहीं कर रही। सेना से लेकर टेक्नोलॉजीज सहित हर क्षेत्र में आगे है। महिला अपने जिम्मेदारियों का निर्वहन भी पूरी निष्ठा और इमानदारी के साथ करती है। शिक्षा के क्षेत्र में लड़को को पीछे धकेलते हुए बाजी मार रही है। इसलिए महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी शिक्षा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा हमने अब आँगनवाड़ी केन्द्रो को विश्व विद्यालय से जोड़कर बच्चो गर्भवती महिलाओ की सेवा कराने का प्रयास कर रही हूँ।
इसी के साथ राज्यपाल ने कहा कि यह य21 वीं सदी का भारत है। युवा शक्ति का भारत है हमारे देश के युवाओ में वह क्षमता है कि वह भारत को विश्व में नम्बर वन बना सकता है। भारत को विश्व गुरू बना सकता है। उच्च शिक्षा संस्थानो को उस दिशा में शिक्षा देने की जरूरत है। उच्च शिक्षा संस्थान में ऐसी शिक्षा दी जाये कि युवा उद्यमी बन कर आत्मनिर्भर बन सके और खुद रोजगार का श्रृजन कर सके। उन्होंने कहा आज भारत के अन्दर 65 प्रतिशत के आसपास 25 से 35 वर्षीय युवा शक्तियां है।जो भारत को विकसित भारत बनाने की क्षमता रखते है बस उन्हे केवल निखारने की जरूरत है यह काम उच्च शिक्षा संस्थानो से संभव है।
देश में नई शिक्षा नीति के तहत अब शिक्षा में बदलाव की जरूरत है।नई शिक्षा नीति में कौशल मिशन को भी जोड़ा गया है। इसके तहत छात्रो से राय लेकर शैलबस बनाना चाहिए। उन्होंने कहा खेल के क्षेत्र में पूर्वांचल विश्वविद्यालय नम्बर वन हो गया है। युवा इसे अपने कैरियर के रूप में लेते हुए आगे बढ़ रहे है। इसमें योग को भी जोड़ना चाहिए क्योंकि योग से तन मन दोंनो स्वास्थ्य रहता है।
दीक्षांत सम्बोधन देते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय वर्घा महाराष्ट्र प्रो गिरीश्वर मिश्र ने कहा आज का युवा ज्ञान और उर्जा का भण्डार है।इसका सकारात्मक और सर्जनात्मक उपयोग कर देश और समाज की उन्नति करायी जा सकती है। उन्होंने जल जंगल और जमीन के संरक्षण और संवर्धन की बात करते हुए कहा कि प्रकृति का संरक्षण जीवन का संरक्षण है इसे शिक्षा का अभिन्न अंग बनाने की जरूरत है। इस काम सफल होने पर अनेक समस्याओ का समाधान स्वयं निकल जायेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय के सभी छात्र छात्राओ को हार्दिक साधुवाद देते हुए उनके विकास की कामना किया।
कुलपति पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रो निर्मला एस मौर्य ने अपने सम्बोधन में कार्यक्रम में भाग लेने वाले अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट रखा और कहा कि शिक्षा के क्षेत्र से लेकर अन्य समाजिक सरोकारो से जुड़े सभी मुद्दो पर शासना की मंशा के अनुरुप सफलता पूर्वक काम किया जा रहा है। बताया विश्वविद्यालय लगातार विकास के पथ पर अग्रसर है। विश्वविद्यालय महिलाओ को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने की दिशा में रोजगार मेला आदि आयोजित कराके शासन की मंसा के अनुरूप काम कर रहा है।इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल करते हुए शिक्षा के स्तर को उठाने का काम किया है।
इस अवसर पर गोल्ड मेडल पाने वाले छात्र छात्राओ को कुलाधिपति ने मेडल प्रदान किया। जिसमें लड़कियों की संख्या लड़को से अधिक रही। खबर है कि कुलाधिपति के निर्देश पर मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन न करते हुए पहली बार दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम की शुरुआत जल संचयन के साथ किया गया। यह उपस्थित जनो के बीच चर्चा का विषय था।
बच्चों को राज्यपाल के हाथों मिला उपहार
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 26 वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कक्षा 6 से 8 में पढ़ने वाले 30 बच्चों को स्कूल बैग, फल, महापुरुषों पर प्रकाशित पुस्तकें आदि प्रदान किया।
66 बच्चो को मिला गोल्ड मेडल
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 26 वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने 65 मेधावियों को प्रथम प्रयास में अपने विषय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर 66 स्वर्ण पदक प्रदान किया। स्नातक स्तर पर 18 एवं परास्नातक स्तर पर 48 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक मिला.
307 शोधार्थियों को मिली पीएच.डी. की उपाधि
दीक्षांत समारोह में 307 शोधार्थियों को मिली पीएच.डी. की उपाधि मिली. जिसमें 178 कला संकाय में, विज्ञान संकाय में 17,कृषि संकाय में 09, शिक्षा संकाय में 66, विधि संकाय में 09,इंजीनियरिंग संकाय में 04,वाणिज्य संकाय में 15,प्रबंध संकाय में 06,अनुप्रयुक्त समाज विज्ञान एवं मानविकी संकाय में 03 शोधार्थियों को उपाधि मिली.
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