अशोका इंस्टीट्यूट पहुंचीं आयरलैंड की रिसर्चर पूजा वर्मा ने कहा,विदेशों में जाब की गारंटी देता है बायोटेक इंजीनियरिंग
अशोका इंस्टीट्यूट में बायोटेक इंजीनियरिंग की पूर्व छात्रा हैं पूजा वर्मा, इन दिनों स्लिगो स्थित अटलांटिक टेक्निकल यूनिवर्सिटी में कर रही हैं रिसर्च
वाराणसी। इंजीनियरिंग और प्रबंधन की शिक्षा देने वाले पूर्वांचल के अग्रणीय संस्थान अशोका इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (Ashoka Institute Of Technology And Management) की पूर्व छात्रा पूजा वर्मा ने स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा कि बायोटेक्नोलॉजी कोर्स करने के बाद बहुत सारे विकल्प खुले होते हैं। इसकी पढ़ाई के बाद स्टूडेंट्स हेल्थ केयर सेंटर्स, कृषि क्षेत्र, एनिमल हसबेंड्री, जेनेटिक इंजीनियरिंग, रिसर्च लैबोरेट्रीज, एकेडेमिक्स, फूड मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री, प्लांट रिसर्चर, रिसर्च साइंटिस्ट आदि क्षेत्रों में करियर बना सकते हैं।
अशोका इंस्टीट्यूट से बायोटेक इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करने वाली बनारस की पूजा वर्मा इन दिनों आयरलैंड के स्लिगो स्थित अटलांटिक टेक्निकल यूनिवर्सिटी में जानलेवा बीमारियों और दवाओं पर रिसर्च कर रही हैं। एल्युमिनाई इंट्रोडक्शन प्रोग्राम में स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए पूजा ने कहा कि बायोटेक्नोलॉजी के फील्ड में कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स को करियर संवारना आसान हो जाता है। यह ऐसा फील्ड है जिसमें नौकरी की गारंटी होती है। बायोटेक इंजीनियरिंग में रिसर्च करने के बाद स्टूडेंट्स एकेडेमिक के क्षेत्र में भी बेहतर करियर बना सकते हैं। मौजूदा समय में मेडिकल के क्षेत्र में इंजीनियरिंग स्किल का जमकर इस्तेमाल हो रहा है। कोरोना संकट के बाद से इस क्षेत्र में भारी ग्रोथ हुआ है। अमेरिका, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड, यूके, कनाडा, स्वीडन, सिंगापुर में बायोटेक इंजीनियरों की जबर्दस्त डिमांड है। विदेशों में हर किसी को आसानी से जाब मिल जाती है। बायोटेक्नालाजी के क्षेत्र में विदेशों में शोध के लिए स्कालरशिप मिलती है। स्टूडेंट्स को चाहिए कि वो बायोटेक्नालाजी में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद विदेशों में रिसर्च और स्कालरशिप के लिए अप्लाई करें।
स्टूडेंट्स के सवालों का जवाब देते हुए अटलांटिक टेक्निकल यूनिवर्सिटी की रिसर्चर पूजा वर्मा ने कहा कि सफलता के लिए जरूरी है कि करियर में कोई गैप न हो। अपनी अभिरुचि के मुताबिक लगातार काम करते रहें। सफलता आपकी कदम जरूर चूमेगी। गर्ल्स स्टूडेंट्स के सवालों का जवाब में पूजा ने कहा कि उच्च शिक्षा अथवा विदेशों में जाब करने के लिए आफर लेटर से ज्यादा अहमियत अभिभावकों को भरोसा दिलाने में ज्यादा मुश्किलें आती हैं। एक बार मंजिल मिल जाती है तो माता-पिता बेटियों पर ज्यादा गर्व करने लगते हैं। उन्होंने कहा कि कोर्स पूरा करने के बाद वह अपना निजी लैब खोलना चाहती हैं और बीमारियों उनके इलाज के लिए नई-नई दवाओं पर शोध करना चाहती हैं। इंटरेक्शन प्रोग्राम में बायोटेक्नालाजी विभाग के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने रिर्सचर पूजा वर्मा से स्टूडेंट्स का परिचय कराया। इस मौके पर डा.फरहान अहमद, डा.सुमेधा ओझा, रितेज जायसवाल, कुनाल कुमार, आरिफा सिद्दकी आदि मौजूद थे।
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