अशोका इंस्टीट्यूट में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम
देश-विदेश के विशेषज्ञों ने साझा की कंप्यूटेशन, डेटा प्रोसेसिंग और सिक्योरिटी की नई जानकारी
वाराणसी। अशोका इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी एंड मैनेजमेंट में पिछले पांच दिनों से चल रहा फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम शुक्रवार को समाप्त हो गया। इस कार्यक्रम का मकसद शिक्षकों और रिसर्चरों को कंप्यूटेशन, डेटा प्रोसेसिंग और सिक्योरिटी की नई विधाओं से जागरूक कराना था। कार्यक्रम में सौ से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में देश-विदेश के विशेषज्ञों ने अपनी जानकारी साझा की।
फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के पहले दिन लखनऊ स्थित एमिटी विश्वविद्यालय की प्रोफेसर नम्रता ढांडा ने बिग डाटा एनालिसिस के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि इस क्षेत्र में जो लोग पारंगत होते हैं कंपनियां उन्हें बहुत ज्यादा अहमियत देती हैं। डाटा एनालिसिस के जरिये इरर्स का पता जल्द लग जाता है, जिससे कंपनियां फौरी तौर पर समस्याओं का समाधान ढूंढ लेती हैं। उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं देने में डाटा एनालिसिस का अहम रोल होता है। कोई कंपनी अपने ग्राहक के प्रोडक्ट को मानिटरिंग करती है तो वह आने वाले किसी भी फेल्योर के लिए तैयार रहती है। साथ ही इससे आनलाइन फ्राड का भी पता चल जाता है।
यूएई स्थित गल्फ मेडिकल यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर डा.विनयतोष मिश्र ने हेल्थ केयर डाटा की उपयोगिता और विश्लेषण के साथ ही उनकी सिक्योरिटी के प्राइयरटीज के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हेल्थ केयर डाटा के जरिये रोगी के जोखिम को कम किया जा सकता है। इससे रोग संचरण को आसानी से पहचाना जा सकता है और उपचार की गुणवत्ता व सुरक्षा में सुधार किया जा सकता है। जीवन को सुरक्षित करने में हेल्थ केयर डाटा सबसे अहम भूमिका अदा करता है। बीएचयू स्थित आईआईटी के एसोसिएट प्रोफेसर डा.आरएस सिंह ने एल्गोरेथम की फंडामेंटल प्राबुल्म्स को विस्तार से समझाया और उनके निस्तारण के तरीकों पर प्रकाश डाला।
अशोका इंस्टीट्यूट की निदेशक डा.सारिका श्रीवास्तव ने स्मार्ट ग्रिड्स की सिक्योरिटी थ्रेट के बुनियादी तौर-तरीकों की जानकारी दी और स्मार्ट ग्रिड पर होने वाले खतरों से आगाह करते हुए उससे बचाव के उपाय बताए। फैकल्टी प्रोग्राम की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह गुणवत्ता के बिना किसी भी चीज का कोई महत्व नहीं है, उसी प्रकार शिक्षा में गुणवत्ता की विशेष भूमिका है। अशोका इंस्टीट्यूट शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों को बेहतर शिक्षा देने पर काम कर रहा है। शिक्षकों के उत्थान व उनके पढ़ाने की तकनीक को ओर बेहतर बनाने के लिए विशेषज्ञों की मदद से काम किया जा रहा है। इससे शिक्षकों को काफी लाभ होगा और छात्र भी लाभांवित होंगे।
पुणे स्थित नार्दन आपरेटिंग सल्युशन्स के वाइस प्रेसिडेंट डा.सौरभ दीक्षित ने रिस्क असेसमेंट एंड मैनेजमेंट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी संस्था में इसका अहम रोल होता है। इसके जरिये किसी संस्था के भी सिस्टम को बेहतर तरीके से आर्गनाइज किया जा सकता है। जेपी इंस्टीट्यूट आफ इंफार्मेशन टेक्नालाजी की एसोसिएट प्रोफेसर डा.परमीत कौर ने डेटा प्रोसेसिसिंग विद हटूप से जुड़ी तकनीक के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम की कोआर्डिनेटर प्रोफेसर डा.वंदना दुबे और विभागाध्यक्ष डा.प्रीति कुमारी रहीं। पांच दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अशोका इंस्टीट्यूट के सीनियर टीचर अभय कुमार मौर्य, अरविंद सिंह, अंकुर श्रीवास्तव, सोनी ओझा, अर्जुन मुखर्जी, गौरव ओझा, कविता पटेल, डा.अमृता मोहन, सचिन कुमार, मनीष कुमार ने अहम भूमिका निभाई।
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