सुंदरीकरण के नाम पर तोड़फोड़ से सकरी हुई सड़क, जेसीज से ओलंदगंज पर कब मिलेगी जाम से निजात?
जौनपुर। नगर को सुंदरीकरण करने के नाम पर जेसीज से ओलंदगंज मार्ग पर अतिक्रमण लगभग पांच माह पूर्व हटाया गया। प्रशासन के इस अभियान में सड़क पर बुलडोजर चलवा कर दोंनो तरफ इतना तोड़फोड़ किया गया कि सड़क टूट कर आधी हो गयी जिसका परिणाम यह हुआ है कि इस पर प्रतिदिन सुबह से शाम तक जाम से राहगीर जूझने को मजबूर है और जिम्मेदार बेखबर पड़े है। सड़क को बनाने का काम पांच माह बाद भी नहीं शुरू हो सका है जबकि तोड़फोड़ करते समय प्रशासन ने दावा किया था कि धन स्वीकृत हो गया है जल्द ही इस सड़क को बनवाकर शहर को सुंदर बनाने का काम होगा। इस मार्ग को शहर के सबसे सुंदर व मॉडल सड़क के रूप में तैयार किया जायेगा। बावजूद इसके पांच माह बीत जाने के बाद भी इस मार्ग का सुंदरीकरण नहीं हो सका। पूर्व में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रहे हिमांशु नागपाल ने इसके लिए विनियमित क्षेत्र से 1.60 करोड़ रुपये स्वीकृत कराए जाने का दावा किया था।
यहां बता दें कि नगर के प्रमुख मार्गों में शामिल जेसीज चौराहे से लेकर ओलंदगंज तक प्रतिदिन जाम लगता है। इस मार्ग की लंबाई करीब आधा किमी है। इस मार्ग पर अतिक्रमण और सड़क संकरी होने के कारण जाम लगता था। घंटों जाम में फंसने से लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। जाम में फंसने के कारण जरूरी काम भी नहीं कर पाते हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने शहर के व्यस्ततम सड़क में शुमार इस सड़क पर विगत वर्ष 17 अप्रैल 2022 को बुलडोजर चलवाकर अतिक्रमण हटवाया था। रात व दिन में चले अभियान के दौरान 70 अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। इस दौरान अतिक्रमण की जद में आने वाले मकानों की सीढ़ी, बारजा व दीवार आदि तोड़ दिया गया था। इस पूरे अभियान का नेतृत्व तत्कालीन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हिमांशु नागपाल ने स्वयं किया था। इसमें जेसीज चौराहा के समीप कुछ भवन मालिकों ने अतिक्रमण हटाने का समय मांगा उसी दौरान ज्वाइंट मजिस्ट्रेट का स्थानांतरण हो गया। फिर समय मांगने वाले भवन स्वामियों ने अतिक्रमण नहीं हटाया।
इसके बाद फिर से अतिक्रमण का खेल शुरू हो गया है। इससे लोगों को स्थाई तौर पर राहत नहीं मिल पाई। प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के पहले इस सड़क के चौड़ीकरण का प्रस्ताव तैयार किया है। इसके लिए विनियमित क्षेत्र से तार व पोल शिफ्टिंग के लिए 80 लाख व सुंदरीकरण के लिए 80 लाख रुपये का प्रस्ताव के स्वीकृति के लिए कमिश्नर वाराणसी को भेजा। जहां से मंजूरी मिलने के बाद से पीडब्ल्यूडी से टेंडर करा दिया गया है। बावजूद इसके आज भी काम रुका हुआ है।
हलांकि प्रशासन के अधिकारी कहते है कि बड़े शहरों की तर्ज पर सड़क को बनाया जाएगा। बीच में डिवाइडर होगा। इसके साथ ही दोनों तरफ पटरी और फुटपाथ बनाया जाएगा। लाइटिंग की भी विशेष व्यवस्था की गई है। ऐसा कब होगा जनता को राहत कब मिलेगी यह तो पता नहीं लेकिन इस तोड़फोड़ और सुंदरीकरण के चक्कर में आवाम जाम से जरूर जूझ रही है। हलांकि जिम्मेदार लोग केवल दावे कर रहे है गम्भीरता से इस मार्ग की समस्या का निस्तारण नहीं हो रहा है।
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