खराब ट्रांसफार्मर बदलने के लिए ऊर्जा मंत्री के सीधे दखल से विद्युत विभाग में मचा हड़कंप
अवर अभियंता को रात में ही लिखना पड़ा सफाई पत्र
भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी के अनुरोध पर ऊर्जामंत्री ने दिखाया सख्त तेवर
जौनपुर। तहसील मुख्यालय मछली शहर नगर के सिन्हा रोड पर लगा 400 केवी का ट्रांसफार्मर शुक्रवार की शाम का जल गया था ।विभाग के पास ट्रॉली ट्रांसफार्मर मौजूद था जो दूसरे दिन शनिवार को दोपहर में लगाया गया और तेल खौला कर चार्ज करने में 5-6 घंटे का समय और लग गया जिसके बाद सायंकाल 7:00 बजे शनिवार को आपूर्ति शुरू हो पाई ।26 घंटे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहने की शिकायत भारतीय जनता पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी और अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष अनुराग सिन्हा ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से दुरभाष पर की और उन्हें उनके व्यक्तिगत नंबर पर व्हाट्सएप भी भेजा। हालांकि तब तक ट्राली ट्रांसफार्मर से आपूर्ति शुरू करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी लेकिन आपूर्ति आने के बाद जैसे ही ऊर्जा मंत्री के कहने पर लखनऊ से विद्युत विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा मेल करने और फोन आते ही स्थानीय स्तर पर पूरे विभाग में खलबली मच गई ।जेई अभिषेक केशरवानी ने उच्च अधिकारियों को रात में ही मोबाइल ट्रांसफार्मर लगाने में हुई देरी पर अपनी सफाई देते हुए पत्र भेजा जिसमें उन्होंने बताया कि विभाग के पास कोई साधन तत्काल उपलब्ध नहीं था। वार्ड के सभासद औन मोहम्मद से उन्होंने अनुरोध करके नगर पंचायत का ट्रैक्टर भेजने को कहा लेकिन ठंड अधिक होने के कारण ड्राइवर जा चुका था अगले दिन दोपहर 12:00 बजे जब ट्रैक्टर पहुंचा तब ही ट्रॉली ट्रांसफार्मर उसके जरिए रवाना किया गया। खाली ट्रांसफार्मर कई महीनों से उपयोग में नहीं होने के कारण विभाग को पहले उसका तेल खौलाना पड़ा और उसके बाद ही जाकर सायंकाल 7:00 बजे 200 से अधिक परिवारों की आपूर्ति बहाल हो पाई। विभाग की इस लेटलतीफी की शिकायत भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी अनुराग सिन्हा ने ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से की और उन्हें पूरी समस्या लिखकर व्हाट्सएप के जरिए भेजी। मंत्री के सख्त तेवर दिखाने से पूरे विभाग में हड़कंप मच गई और जेई अभिषेक केशरवानी को रात में ही स्पष्टीकरण भेजना पड़ा। ऊर्जा मंत्री के इस प्रयास की सर्वत्र सराहना हो रही है। जिला मीडिया प्रभारी अनुराग सिन्हा ने बताया क्यों है देर रात तक ऊर्जा मंत्री के कैंप कार्यालय विद्युत बोर्ड और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की तरफ से कई बार फोन आया और समस्या के निस्तारण के बाबत लगातार पूछा जाता रहा।
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