नेपाल विमान हादसे में गाजीपुर के चार युवको की मौत से पूरे इलाके के लोग शोक में डूबे


नेपाल के पोखरा हवाई पट्टी पर उतरने से कुछ क्षण पहले विमान हादसे में यूपी के गाजीपुर जिले के चार युवकों की मौत हो गई।  जान गंवाने वाले अनिल जहूराबाद में तो अभिषेक धरवां में जनसेवा केंद्र का संचालन करते थे। विशाल शर्मा अलावलपुर में एक बाइक एजेंसी में फाइनेंस का कार्य करते थे और सोनू जायसवाल कांट्रेक्ट पर सारनाथ में शराब की दुकान का संचालन करते थे। हंसी-खुशी के साथ परिवार का जीवन चल रहा था। लेकिन इस हादसे ने मां की गोद सूनी कर दी, पत्नियों का सुहाग उजड़ गया और मासूमों के सिर से पिता का साया उठ गया।
हर किसी की आंखें नम और उदासी में डूबी हुई थीं। लेकिन कौन किसे संभाले, कौन किसके आंसू पोछे। जवान बेटों को खोने का गम सभी के लिए बेहद दर्दनाक था। सभी के चेहरे पर दर्द झलक रहा था। हादसे ने सबको झकझोर कर रख दिया।नेपाल विमान हादसे ने ऐसा दर्द दिया कि गाजीपुर के चारों गांव ही नहीं पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है।
चकजैनब निवासी राजेंद्र जायसवाल के पुत्र सोनू जायसवाल पांच भाइयों में सबसे छोटे थे। वह वाराणसी में शराब की दुकान का संचालन करते थे। सारनाथ में पत्नी रागिनी जायसवाल, एक पुत्र और पुत्रियों के साथ रहते थे। हादसे के बाद पिता राजेंद्र जायसवाल और मां द्रौपदी देवी रोते-रोते अचेत हो जा रहे हैं। परिवार के लोग सोनू जायसवाल की पत्नी और बच्चों को घर लाने के लिए सारनाथ रवाना हो गए हैं।
इसी गांव के रहने वाले अनिल राजभर दो भाइयों में छोटे थे। जहूराबाद में जनसेवा केंद्र का संचालन करते थे। घटना की जानकारी होते ही पिता रामदरश राजभर और माता सरस्वती देवी के रोने- बिलखने से गांव में मातम छा गया। बड़ा भाई सुनील दरवाजे पर आ रहे ग्रामीणों को देख बेसुध हो जा रहा था। परिजनों की इस दशा को देख ग्रामीणों की आंखों से भी आंसू बहने लग रहे थे।
अलावलपुर अफ्गां निवासी विशाल शर्मा टीवीएस बाइक एजेंसी में फाइनेंस का काम करते थे। चकजैनब गांव से करीब आठ किलोमीटर रहने वाले विशाल शर्मा भी मित्रों के साथ पोखरा गए थे। तीन बहनों और भाई विश्वजीत, पिता संतोष शर्मा और माता सरिता देवी की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। गांव के लोग उन्हें समझाने में जुटे रहे। 
धरवां गांव निवासी अभिषेक सिंह कुशवाहा जनसेवा केंद्र का संचालन करते थे। दो भाइयों में छोटे अभिषेक परिवार के चहेते थे। विमान हादसे की जानकारी होते ही पिता चंद्रमा सिंह कुशवाहा और माता मानती देवी, बड़ा भाई अविनेश रोते-रोते बेहोश हो गए। 

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