अब गंगा की लहरों के ऊपर हेलीकॉप्टर उड़ाने की जानें क्या है तैयारी


काशी का नमो घाट जल्द ही हवाई सफर का भी साक्षी बनेगा। हेलीकॉप्टर से काशी दर्शन के साथ ही श्रद्धालु अयोध्या और प्रयागराज के धार्मिक स्थलों का भी दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए घाट से सटे हिस्से को हेलीपोर्ट के रूप में तैयार किया जा रहा है। इसकी डिजाइन बनाकर विमानपत्तन प्राधिकरण से अनापत्ति मांगी गई है। मंजूरी मिलने के बाद इसे बनाया जाएगा।   
काशी दर्शन को सुलभ बनाने की मंशा को साकार करने की कवायद के तहत नमो घाट पर हेलीपोर्ट बनाया जा रहा है। इसके बनने के बाद गंगा की लहरों के ऊपर से दो हेलीकॉप्टर एक साथ रोजाना उड़ान भरेंगे।  तीर्थ यात्री चंद मिनटों में हेलीकॉप्टर से उड़ान भरकर प्रयागराज और अयोध्या का दर्शन सुगमतापूर्वक कर सकेंगे। 
स्मार्ट सिटी के तहत खिड़किया घाट यानी नमो घाट पर दूसरे चरण का निर्माण कार्य चल रहा है। इसमें हेलीपोर्ट भी आकार लेगा। हेलीपोर्ट ऐसा बनाया जाना है, जहां एक साथ दो हेलीकॉप्टर खड़े हो सकेंगे। डिजाइन का काम पूरा हो गया है। विमानपत्तन प्राधिकरण से मंजूरी मिलने के साथ ही हेलीपोर्ट बनाने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा। तकनीकी विशेषज्ञों ने हेलीपोर्ट स्थल का दौरा भी कर लिया है।
प्रशासन से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, काशी दर्शन के तहत हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की जा रही है। हेलीपोर्ट से जो भी हेलीकॉप्टर उड़ान भरेंगे, वे सात या 11 सीटर होंगे। सरकार की मंशा है कि तीर्थ यात्री काशी, अयोध्या और प्रयागराज का भ्रमण कम समय में कर लें। 
दूसरे चरण में विसर्जन कुंड, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मल्टीपरपज स्थल का निर्माण किया जा रहा है। इसी का एक हिस्सा हेलीपोर्ट भी है। हेलीपोर्ट तक पहुंच आसान रहे, इसलिए सड़क बनाई जा रही है।  उड़ान भरने से पहले तीर्थ यात्रियों के लिए अविलंब टिकट की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी। इसके लिए दो काउंटर भी बनाए जा रहे हैं। हेलीपोर्ट के आसपास बच्चों के खेलने के लिए पार्क व वाटर स्पोर्ट्स के इंतजाम किए जा रहे हैं। चारों तरफ हरियाली के लिए पेड़ पौधे लगाए जाने हैं। 
दूसरे चरण के निर्माण कार्य और हेलीपोर्ट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं। इसका लोकार्पण पहले चरण में ही होना था, लेकिन अंतिम समय में लोकार्पित होने वाली परियोजनाओं की सूची से नमो घाट का नाम हटा दिया गया। प्रशासन ने उस वक्त यह कहा था कि दूसरे चरण का काम पूरा होने के बाद ही इसका लोकार्पण किया जाएगा। दरअसल, यह परियोजना प्रधानमंत्री की प्राथमिकताओं में शामिल है।

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