सभी धर्म के लोग लिंग असमानता को करे दूर, बेटियां लड़को से कम नहीं- मनीष कुमार वर्मा
जौनपुर। विकास भवन सभागार जौनपुर में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजनान्तर्गत लिंग असमानता के खिलाफ धर्मगुरूओं के साथ गोष्ठी का आयेाजन जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में किया गया। जिसमें जिला प्रोबेशन अधिकारी बिजय कुमार पाण्डेय द्वारा सभी का स्वागत किया गया एवं सभी को उपहार स्वरूप बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के अन्तर्गत तैयार कराये गये कैलेण्डर भेंट किये गये एवं विभागीय योजनाओं की जानकारी भी दी गयी।
गोष्ठी में अनवर अहमद कासमी ने कहा कि जौनपुर में लड़का पैदा होने पर खुशी व लड़की होने पर गम की स्थिति ठीक नहीं है। प्राफेट मोहम्मद ने कहा है कि एक मर्द व एक महिला को बराबर का हक है। लड़कियों को विशेष सुविधा देकर सरकार बालिका शिक्षा व सुरक्षा को प्रोत्साहित कर सकती है।
मौलाना महफूज हसन ने कहा कि इस्लाम धर्म में औरतों को इज्जत भी है जिस घर में पहली औलाद बेटी होती है कुरान के अनुसार वह घर जन्नत होता है। नबी ने अल्लाह से बेटी माॅगी थी अच्छी औरतों से अच्छा समाज बनाता है। कोई भी समाज तब तक कामयाब नहीं होगा जब तक उसके पास योग्य महिलाएं नही होंगी।
रवि शर्मा ने हिन्दू धर्म में महिलाओं की स्थिति स्पष्ट करते हुये कहा कि सनातन धर्म की सरकार में तो रक्षा मंत्रालय दुर्गा जी के पास है तो शिक्षा मंत्रालय सरस्वती जी के पास, खाद्य एवं रसद अन्नपूर्णा जी तो वित्त मंत्रालय लक्ष्मी जी के पास है। हिन्दुओं में महिलाओं को प्रथम रखा गया है। निर्माण के पावन युग में चरित्र निर्माण न भुलें और जो धर्मग्रन्थों में उल्लेख हुआ है उसको चरितार्थ करते हुये जब समाज को आगे बढ़ायेंगें तो कहीं भी लिंग असमानता की बात नहंी आयेगी।
जागेश्वर महादेव मंदिर के अवधेश चतुर्वेदी ने कहा कि स्त्री व पुरूष के समानता के भाव पर चर्चा क्यॅू करनी पड़ रही है यह विचारणीय प्रश्न है। सनातन धर्म में वैदिक काल में यदि एक पुरूष दूसरे पुरूष से शास्त्रार्थ करता था तो जज के रूप में महिलायें ही होती थीं। हिन्दुओं में महिला पुरूष के नाम में पहले स्त्री का नाम फिर पुरूष का नाम लिया जाता है जैसे राधा-कृष्ण व सीताराम इसके उदाहरण हैं। वैदिक समाज में गरिमा होती थी नेत्रों में पर्दा था कपड़े के पर्दे की आवश्यकता नहीं थी। यहाॅ सभा कक्षा में उपस्थित सभी धर्मों के धर्मगुरू ठान लें तो लिंग असमानता को जनपद में समाप्त किया जा सकता है।
सिख धर्म से गुरू ने कहा कि गुरूनानक ने कहा है कि हम महिलाओं के बारे में गन्दे विचार कैसे रख सकते हैं जब उन्होने ने ही हम राम, कृष्ण, महावीर, नबी, मोहम्मद साहब जैसे पुत्रों को जन्म दिया है। लिंग असमानता को समाप्त करने के लिये हमने घर से शुरूआत की है और उनके पास केवल एक बेटी है।
प्रधानाचार्य मो0 मुल्तसा मदनी ने कहा कि कुरान में सभी को समान शिक्षा की बात कही गयी है, कहीं भी स्त्री पुरूष में कोई भेद नहीं है। हम लोगों को लिंग समानता समाप्त करने के लिये सभी धर्म जिस धर्म को जो लोग मानते हैं उस धर्म के नियमों का पालन किया जाये तो लिंग असामानता समाप्त कर दी जायेगी।
जिला सूचना अधिकारी मनोकामना राय ने कहा कि लिंग असमानता को समाप्त करने हेतु हमें केवल बात नहीं मन वचन कर्म से प्रदर्शित करना पड़ेगा। हमें उस दिन का इंतजार है जब समाज में स्त्री पुरूष में कोई भेद न हो।
मुख्य विकास अधिकारी सीलम साईं तेजा ने कहा कि महिलाओं को पीछे छोड़कर हम समाज व देश की तरक्की के बारे में सोच ही नहीं सकते हैं। समाज में लिंग असमानता के प्रति जागरूकता प्रदर्शित हो रही है लेकिन उसकी गति बहुत ही धीमी है। आप सभी के सहयोग से जनपद जौनपुर में लिंग असमानता समाप्त करेगें। उन्हाने कहा कि देश के सर्वोच्च पद पर महिला विराजमान हैं कई प्रेदशों में मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल है।
कार्यक्रम के अन्त में जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने उदबोधन में कहा कि लिंग असमानता सभी व्यक्तियों से जुड़ा मुद्दा है सभी लोग लड़का, लड़की को बराबर की बात तो करते हैं लेकिन व्यवहार में नहीं होता। धर्म की किताबों में जो आदेश इस बारे में दिये हुये हैं उनका उल्लेख करते हुये आप लोग अपने अनुयायियों को इस हेतु जागरूक करें, उन्हाने कहा कि केवल बात करने से नहीं काम बनेगा अपने व्यवहार से भी लिंग असमानता प्रदर्शित करना पड़ेगा। हम लोग अपने परिवार, मोहल्ला व समाज को लिंग असमानता के प्रति जागरूक करते हुये अपने-अपने रूचि के धर्म के ग्रन्थों में दिये हुये लिंग असमानता के प्रति निर्देशों का पालन करते हुये समाज को सुदृढ़ करेगें। पिछले दस वर्षों में हालत सुधर रहे हैं बेटियों ने बहुत ही ज्यादा क्षेत्रों में आगे बढ़कर कार्य किया है उदाहरण स्वरूप आप लोग सभी बोर्ड के परिणाम को देख लें, जिसमें सब बेटियाॅ ही आगे होती हैं। हमारे इतिहास में झाॅसी की रानी रजिया सुल्ताना ने यह साबित किया है कि जब मौका मिला है तो बेटियों ने इसे साबित किया है कि हम लोग किसी भी क्षेत्र के लिये योग्य हैं। हम लोगों बेटियों को पराया धन मानते हुये पहले ही उन्हे घर से विदा कर दिया तो बेटों ने अपने माॅ बाप को वृद्धाश्रम में दाखिल कर दिया। हमें अपनी सोंच बदलनी होगी तभी लिंग असमानता समाप्त होगी। धर्म गुरू लोग अपने अनुयायियों को लिंग असमानता के प्रति जागरूक करें। अपनी भाषा धर्म ग्रन्थों में लिखे हुये दोहों/आयतों का उपयोग करते हुये लोगों को जागरूक करें हर घर के बच्चों को अच्छी शिक्षा व संस्कार मिले समाज में समरसता रहेगी तो महिला अपराध भी कम होगें। आप लोगों के माध्यम से जनपद के अन्तिम व्यक्ति तक लिंग असमानता के प्रति जागकता बढ़े यही हमारी अपेक्षा है।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कमलेश कुमार मौर्य,, मो0जफर खाॅ, मदरसा इमानियां नासिरिया, मो0 मुख्तार आलम, अनवर अहमद कासमी, मो0 सहजाद, मो0 गुफरान, सं0 तेजा सिंह, श्री गुरूसभा जौनपुर, मुरलीधर गिरि त्रिलोचन महादेव मंदिर, फादर पी0विक्टर, सेन्ट जाॅन्स, अशोक मिश्र, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति, डा0 उमाशंकर सिंह, सदस्य, बाल कल्याण समिति, संजय उपाध्याय, सचिव, सरजू प्रसाद शैक्षणिक संस्था, चन्दन राय बाल संरक्षण अधिकारी इत्यादि लोगों ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम के इसी कड़ी में जिला महिला चिकित्सालय जौनपुर में बालिका जन्मोत्सव मनाया गया जिसमें जन्मी 16 बच्चियों को मुख्य चिकित्साधिकारी जौनपुर लक्ष्मी सिंह व जिला प्रोबेशन अधिकारी बिजय कुमार पाण्डेय द्वारा बेबी हिमालया गिफ्ट पैक व कपड़े का सेट गिफ्ट किया गया। सर्वप्रथम बालिकाओं के माताओं के साथ बालिका जन्मोत्सव मनाते हुये के काटा गया व महिला शक्ति केन्द्र की जिला समन्वयक प्रतिभा सिंह बबिता द्वारा सोहर गीत प्रस्तुत किया गया उपस्थित सभी लोगों लड्डू खिलाकर मुॅह मीठा कराया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी लक्ष्मी सिंह ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम आयोजित कर सरकार बालिकाओं के जनम पर खुशी मना रही है समाज में परिवर्तन का यह वाहक होगा। जिला प्रेाबेशन अधिकारी बिजय कुमार पाण्डेय द्वारा अवगत कराया गया कि महीने के पहले व तीसरे सोमवार को जनपद के सभी सरकारी चिकित्सालयों मे ंबालिका जन्मोत्सव बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजनान्तर्गत मनाया जायेगा और बालिका पैदा होने पर माताओं को सम्मानित किया जायेगा और बालिकाओं को गिफ्ट भी दिया जायेगा।
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