नक्शा पास कराये बगैर बने भवनो के खिलाफ जानें क्या है अभियान,150 मालिको को नोटिस
जौनपुर। नगर के विनियमित क्षेत्र में जिन लोगों द्वारा बगैर नक्शा के भवन का निर्माण कराया जा रहा है। मास्टर प्लान कार्यालय नए साल में ऐसे लोगों के खिलाफ अभियान चलाने की तैयारी कर रहा है। दिसंबर में अब तक 150 लोगों को नोटिस दिया जा चुका है। 15 के करीब भवनों को सील किया गया है। प्रशासन का प्रयास है कि ज्यादा लोग नक्शा बनवाकर बकाया शुल्क जमा कर दें, जिससे शहर क्षेत्र का विकास कराया जा सके। मास्टर प्लान कार्यालय की तरफ से ऑनलाइन प्रक्रिया की भी शुरुआत की जा रही है।
नगरीय क्षेत्र में करीब 47 हजार भवनों की संख्या है। इसमें काफी संख्या में ऐसे भवन हैं, जो बिना नक्शे के ही बनवा लिए गए हैं। शासन की तरफ से पूर्व में 21 जुलाई 2020 से जनवरी 2021 तक बिना भवन मानचित्र स्वीकृत के व स्वीकृत भवन मानचित्र के अतिरिक्त निर्माण के नियमितीकरण के लिए समन योजना शुरू की गई थी। इसके तहत कोई भी निर्माणकर्ता अपने अनाधिकृत व अतिरिक्त निर्माण को निर्धारित समन करते हुए नियमित करने को मास्टर प्लान कार्यालय में आवेदन कर सकता था। जिसका निस्तारण 21 जनवरी से 21 अप्रैल 2021 तक किया गया था। इसमें अगर मामले में दो पक्षों का विवाद नहीं होगा तो विकास शुल्क व जुर्माना के तौर करीब 200 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर लिया गया। यह जुर्माना अलग-अलग क्षेत्रों में सर्किल रेट व विकास शुल्क के हिसाब से लिया गया। ऐसे में प्रशासन की तरफ से ऐसे भवन मालिकों को सहूलियत दी जा रही है कि वह स्वयं से अपना नक्शा स्वीकृत कराने को आवेदन करें अन्यथा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आवेदक पहले इसके लिए मास्टर प्लान कार्यालय से प्रोफार्मा लेकर आवेदन करेंगे। इसके छह माह बाद मामले में सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट में सभी प्रस्तुत आवेदन पत्रों पर सुनवाई होगी। इसमें भवन का नक्शा बनवाकर प्रस्तुत करना होगा, इसके बाद नगर पालिका से एनओसी ली जाएगी कि भवन नजूल की भूमि पर तो नहीं तैयार है। वहीं अग्निशमन विभाग में भी एनओसी के लिए भेजा जाएगा। जिसके बाद विकास शुल्क व जुर्माना जमा करने के बाद नक्शा पास कर दिया जाएगा।
जिन भवन स्वामियों ने अब तक अपने भवन का नक्शा नहीं पास कराया है, वह मास्टर प्लान कार्यालय से संपर्क करके नक्शा पास करा लें। आवेदन प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद जुर्माना व विकास शुल्क जमा करने के बाद भवन का नक्शा पास कर दिया जाएगा। नहीं तो ऐसे भवन के खिलाफ ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया की जाएगी।
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