नये तथा विस्तारित निकायों में वार्डो के आरक्षण का जानें क्या बना फार्मूला
प्रदेश सरकार ने निकाय चुनाव के लिए वार्डों के आरक्षण का फॉर्मूला तय कर दिया है। नए और सीमा विस्तारित होने पर 50 फीसदी से अधिक जनसंख्या बढ़ने पर इन वार्डों का आरक्षण नया मानते हुए किया जाएगा। इसके आधार पर आबादी के आधार पर इन्हें पहले अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित किया जाएगा। पुराने वार्डों का आरक्षण चक्रानुक्रम व्यवस्था के आधार पर ही किया जाएगा।
प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने वार्डों के आरक्षण को लेकर आदेश जारी कर जिलाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश भेज दिए हैं। इसमें कहा गया है कि वार्डों का आरक्षण करते हुए इसकी जानकारी तीन सेटों के साथ पेनड्राइव में 4 नवंबर तक नगर विकास विभाग के अनुभाग एक में अनिवार्य रूप से उपलब्ध करा दें।
आरक्षण फॉर्मूले के आधार पर पहले अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए वार्ड आरक्षित किए जाएंगे। इसके बाद इसी वर्ग के पुरुषों के लिए श्रेणीवार वार्ड आरक्षित होंगे। इसके बाद वार्डों को अनारक्षित रखा जाएगा। पुराने निकायों में चक्रानुक्रम (रोटेशन) के आधार पर वार्डों का आरक्षण होगा।
शासनादेश में कहा गया है कि नगर निकाय निर्वाचन वर्ष 2017 के बाद प्रदेश में कुछ नए निकाय बनाए गए हैं और कुछ का सीमा विस्तार हुआ है। इनमें वार्डों का परिसीमन वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर करने का निर्देश निकायों को दिया गया था। परिसीमन के दौरान कुछ पुराने के भाग मिलाए गए होंगे। इसलिए इनके आरक्षण में इसका ध्यान रखा जाएगा।
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