निजी माध्यमिक विद्यालयो को बड़ी राहत, योगी सरकार ने विधेयक में जानें क्या किया संशोधन


यूपी के निजी माध्यमिक विद्यालयों को सरकार ने बड़ी राहत दी है, उन्हें प्रशासन योजना नहीं बनानी होगी। मान्यता प्राप्त स्ववित्त पोषित विद्यालयों को योजना से बाहर रखा गया है। अब केवल सहायताप्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालय में ही प्रशासन योजना लागू रहेगी। कैबिनेट ने माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 में संशोधन विधेयक पर मुहर लगा दिया है।
माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 में संशोधन पर कैबिनेट की मुहर माध्यमिक विद्यालयों की प्रशासन योजना में साधारण सभा व उसके सदस्य, प्रबंध समिति, समिति का गठन, चुनाव प्रक्रिया, कार्यकाल, समिति की बैठकें, समिति के अधिकार व कर्तव्य, प्रधानाध्यापक आदि के कार्य व दायित्व तय होते हैं। शासन ने 27 दिसंबर 2021 को प्रशासन योजना को माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 के अध्याय एक के विनिमय 14 में संशोधन कर अधिनियम का हिस्सा बनाया था। अधिनियम 1921 के अध्याय एक के विनियम 14 में उपखंड भी जोड़े गए, जिससे सभी बोर्ड से मान्यता प्राप्त अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के लिए प्रशासन योजना लागू करना अनिवार्य हो गया। अब माध्यमिक शिक्षा अधिनियम में संशोधन किया गया है, जिसके तहत सिर्फ एडेड माध्यमिक विद्यालयों को ही प्रशासन योजना बनानी होगी। स्ववित्त पोषित संस्थानों पर यह नियम लागू नहीं होगा। प्रदेश में एडेड माध्यमिक विद्यालयों की संख्या 4512 है और सभी की प्रशासन योजना बनी है। सहायताप्राप्त सूची में अभी नया विद्यालय शामिल नहीं हो रहा है, ऐसे में इस योजना की अभी जरूरत नहीं होगी। निजी विद्यालयों को इस निर्णय से जरूर राहत होगी। ज्ञात हो कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने एक निर्णय में इस आधार पर प्रशासन योजना माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 का हिस्सा नहीं है, रद करते हुए शासन को छह माह में अधिनियम का हिस्सा बनाने के निर्देश दिये थे। उसी के तहत अधिनियम में पहले संशोधन हुआ था।

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