क्षय रोग नहीं लाइलाज, साल 2025 तक जड़ से करेंगे खत्म - जिलाधिकारी
जौनपुर। बदलापुर टीबी यूनिट अंतर्गत उपचाराधीन तथा ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति संस्था की ओर से गोद लिए गए उपचाराधीनों को जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने पोषण सामग्री प्रदान की।
कार्यक्रम गुरुवार को सिंगरामऊ के गौरीशंकर मंदिर स्थित ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति के कार्यालय में आयोजित हुआ। समिति का चार अगस्त को निक्षय पोर्टल पर कम्युनिटी सपोर्ट टू टीबी पेशेंट के माध्यम से निक्षय मित्र के रूप में पंजीकरण हुआ है। संस्था ने 16 अगस्त को बदलापुर ब्लाक के 105 क्षय रोगियों को गोद लिया है जिसमें से बाल वर्ग के 11, वयस्क पुरुष 59 तथा 35 वयस्क महिलाएं हैं। उन्हें जिलाधिकारी की उपस्थिति में पोषण सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा था। इस मौके पर जिलाधिकारी ने कहा कि क्षय रोग लाइलाज बीमारी नहीं है। बीते वर्ष जनपद की विभिन्न संस्थाओं ने पांच हजार के करीब क्षयरोगियों को गोद लिया था। उन्हें नियमित दवाएं तथा पोषण सामाग्री में मदद की। इनमें से ज्यादातर स्वस्थ होकर सामान्य जिंदगी जी रहे हैं। उन्होने कहा कि जैसे पोलियो को देश में जड़ से खत्म कर दिया गया है, वैसे ही वर्ष 2025 तक क्षय रोग का भी जड़ से उन्मूलन करने में सफल होंगे।
इस मौके पर सीएमओ डा. लक्ष्मी सिंह ने श्हम होंगे कामयाबश् गीत गाकर क्षय उपचाराधीनों का उत्साह बढ़ाया। इसके साथ ही उपचार के दौरान किसी भी स्थिति में एक दिन भी दवा नहीं छोड़ने का आग्रह किया। उन्होने कहा कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है। समिति की अध्यक्ष अंजू सिंह ने बताया कि समिति 20 वर्षों से क्षयरोगियों की सेवा में लगी है। तीन वर्ष से गोद लेकर उन्हें पोषण सहयोग दिया जा रहा है। इस समय 105 क्षयरोगियों को संस्था ने गोद लिया है। उन्होंने बताया कि संस्था ने न सिर्फ उन्हें स्वस्थ होने में मदद की है बल्कि उन्हें भावनात्मक सहयोग प्रदान करने और रोजगार दिलाने में भी सहयोग किया है।
जिला कार्यक्रम समन्वयक सलिल कुमार यादव ने इस संबंध में जिला स्तर पर किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि क्षय रोगियों की स्वास्थ्य सेवाओं का गांव स्तर तक विस्तार कर दिया गया है। जिले के 186 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से टीबी मरीजों को सेवाएं दी जा रही हैं। केन्द्र सरकार के निक्षय पोर्टल पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) के माध्यम से प्रत्येक क्षय रोगी का नोटीफिकेशन एवं उपचार हो रहा है। इसके लिए चार से आठ अगस्त तक जनपद के सभी सीएचओ को प्रशिक्षण दिया गया है। प्रदेश के मुख्य सचिव के निर्देशानुसार विश्व क्षय रोग दिवस (24 मार्च) पर 2,357 क्षयरोगियों को स्वयंसेवी, शैक्षणिक संस्थाओं, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को बेहतर देखभाल के लिए गोद दिलाया गया। इसमें से 1,445 उपचार होने के बाद पूरी तरह से स्वस्थ हैं। शेष का भी उपचार शीघ्र समाप्त होने वाला है। बेहतर देखरेख और समय-समय पर फालोअप लेने से क्षय रोगियों की मृत्यु दर में गिरावट आ रही है। इसी क्रम में शासन ने जनपद की स्वयंसेवी, शैक्षणिक तथा औद्योगिक संस्थाओं को पोषण व व्यावसायिक सहयोग देने के लिए निक्षयमित्र के रूप में मरीजों की एक वर्ष तक की देखभाल के लिए सहमति सहित पंजीकरण कराने के लिए प्रेरित किया है।
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