जीआरपी सिपाही हत्याकांड में अभियुक्त पूर्व सांसद उमाकांत यादव की अर्जी पर कोर्ट ने मांगा साक्ष्य, सुनवाई 06 जून को


जौनपुर । विगत वर्षो पहले चार फरवरी 1995 को हुए जीआरपी सिपाही हत्याकांड में पूर्व सांसद उमाकांत यादव ने एमपी एमएलए कोर्ट में बचाव पक्ष से साक्ष्य प्रस्तुत करने का प्रार्थना पत्र दिया। कोर्ट ने छह जून तिथि नियत किया है। शासकीय अधिवक्ता लाल बहादुर पाल ने बताया कि अभियोजन पक्ष की गवाही हो चुकी है। आरोपित द्वारा बचाव पक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करने की कोर्ट से मांग की गई है। मामले में हाईकोर्ट ने पूर्व में ही त्वरित निस्तारण का निर्देश दिया है। मुकदमें की मानीटरिग सीबीसीआइडी द्वारा की जा रही है।जीआरपी सिपाही रघुनाथ सिंह ने एफआइआर दर्ज कराया था कि चार फरवरी 1995 को दो बजे दिन रायफल, पिस्टल, रिवाल्वर से अंधाधुंध फायरिग करते हुए आरोपित आए और पुलिस लॉकअप में बंद चालक राजकुमार यादव को जबरन छुड़ा ले गए। गोलीकांड में सिपाही अजय सिंह, लल्लन सिंह तथा एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई थी। चारों तरफ भय और आतंक का माहौल व्याप्त हो गया था और अफरातफरी मच गई थी। पूर्व सांसद उमाकांत यादव, राजकुमार यादव, धर्मराज यादव, महेंद्र, सूबेदार, बच्चू लाल समेत सात लोग आरोपित हैं। पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में दाखिल किया। बीच में पत्रावली एमपी एमएलए कोर्ट प्रयागराज चली गई। पुन: हाईकोर्ट के निर्देश पर पत्रावली दीवानी न्यायालय में स्थानांतरित हुई और यहां के एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

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