भीषण गर्मी बरसा रही है आग, जन जीवन पर जानें क्या है इसका व्यापक असर
जनपद जौनपुर सहित समेत पूर्वांचल के जिलों में गर्मी इस कदर भयंकर पड़ रही है कि इस बार कई रिकॉर्ड टूटने के संकेत मिलने लगे है। जौनपुर में इस समय अधिकतम तापमान 43 डिग्री पार कर गया है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में 23 डिग्री का अंतर है। इस सीजन में यह अधिकतम तापमान 43 दर्ज किया गया है। मौसम का रुख यही बना रहा तो आगे जल्द ही 45 डिग्री तक तापमान हो सकता है।
गर्मी का आतंक कुछ ऐसा है कि सुबह ही लोगों को लू की लपटें महसूस होने लगी हैं। आलम ये है कि गर्म हवाओं के बीच घर से निकलना मुश्किल हो जा रहा है। लोग मुंह ढंक कर बाहर निकल रहे हैं और सड़कों पर सन्नाटा दिख रहा है। गर्मी ने आम जनजीवन को बेहाल कर दिया है।
दिन चढ़ने के साथ ही मौसम का पारा भी चढ़ने लग रहा है। सौराष्ट्र से चलने वाली हवाओं के कारण वातावरण में नमी का असर कम होने से तापमान में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले सप्ताह में गर्मी का प्रभाव बना रहेगा। यहां यह भी बता दें कि एक डायन महंगाई दूजे भीषण गर्मी का ताप गरीब मजदूर किस्म के लोंगो के समक्ष गम्भीर समस्या पैदा कर दिये है। यूं कहें कि अगर भीषण गर्मी लोंगो के रोटी रोजी पर प्रभाव डाल रही है तो अतिशयोक्ति नहीं होगा।
पछुआ हवा के गर्म थपेड़ों के चलते दोपहर में सड़कों पर सन्नाटा पसर जा रहा है। देर शाम तक गर्म हवाएं चल रही है। लू के थपेड़े से लोग बेहाल हैं। मौसम के इस बदलाव से किसान भी चिंतित हैं। चिलचिलाती गर्मी से लू की बीमारियां भी बढ़ने लगी है। सबसे अधिक परेशानी स्कूल आने-जाने वाले बच्चों की है। तापमान रोज नए रिकार्ड बनाने पर उतारू है।
मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने बताया कि आने वाले दिनों में मौसम का रुख सामान्य हो सकता है। पुरवा हवाओं के बाद मौसम का रुख बदल सकता है। आने वाले दिनों में तापमान में अधिक बढ़ोत्तरी के संकेत नहीं हैं लेकिन वातावरण में गर्मी का असर काबिज हुआ तो उमस का असर भी हो सकता है। मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि आने वाले कुछ दिनों तक मौसम का यही रुख बना रहेगा। दरअसल 11 अप्रैल तक हीट वेव का असर होने की वजह से गर्मी लोगों को झुलसा रही है। मौसम विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार पूरे सप्ताह गर्मी अपना असर दिखाएगी। भीषण गर्मी का असर नदी के जलस्तर में भी दिख रहा है। नदी भी घाटों से काफी दूर हो गईं हैं।बढ़ते तापमान का असर दूध उत्पादन पर भी पड़ा है। प्रतिदिन एक से दो हजार लीटर दूध का उत्पादन कम हो रहा है। इतना ही नहीं इसका असर कृषि उत्पाद पर भी पड़ा है और किसानों की आय प्रभावित हुई है।
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