फ्राड के मामले में थानाध्यक्ष की रिपोर्ट कोर्ट ने किया खारिज, पुन: विवेचना का आदेश
जौनपुर। एसीजेएम द्वितीय ने धोखाधड़ी व जालसाजी के मामले में पुलिस द्वारा प्रेषित फाइनल रिपोर्ट को निरस्त कर खुटहन थाना प्रभारी को तत्काल निष्पक्ष विवेचना का आदेश दिया। आरोप है कि आरोपी ने वल्दियत बदलकर पुलिस की साठगांठ और धोखाधड़ी करके पासपोर्ट बनवाया और विदेश यात्रा किया है।
इस मामले को लेकर अधिवक्ता अश्विनी कुमार दुबे निवासी गोपालापुर थाना खुटहन ने अपने अधिवक्ता लाल चंद गुप्ता व अजय दूबे के माध्यम से संत प्रकाश तिवारी निवासी खुटहन के खिलाफ परिवाद दाखिल किया था। परिवाद के अनुसार राज नारायण तिवारी व जगत नारायण तिवारी सगे भाई हैं तथा आरोपी संत प्रकाश तिवारी के असली पिता राज नारायण तिवारी हैं लेकिन आरोपी ने अपने चाचा जगत नारायण की संपत्ति को हड़पने के लिए वल्दियत में पिता के नाम के स्थान पर जगत नारायण तिवारी दर्शाया। इसी वल्दियत का इस्तेमाल करके आरोपी ने लखनऊ से अपने नाम पासपोर्ट भी जारी करवा लिया।
भ्रष्टाचार की रस्म अदायगी के पश्चात पिता राजनारायण पर नगद नारायण और चाचा से पिता बने जगत नारायण पर आभारी होते नजर आए जिस कारण संत प्रकाश तिवारी ने जालसाजी के सहारे पासपोर्ट हासिल करके हवाई गुल खिलाए । प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए कोर्ट के आदेश पर 4 दिसंबर 2014 को खुटहन थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई। कानून को ताक पर रुपया हाथ पर रखने की आदी हो चुकी पुलिस नेभ्रष्टाचार की खातिर भ्रष्टाचार की शिकार हो चुकी वर्दी को दागदार होने से बचाने के लिए क्लीन चिट देते हुए फाइनल रिपोर्ट लगा दिया।
परिवादी ने विरोध याचिका कोर्ट के समक्ष दाखिल करते हुए बताया कि विवेचक ने प्रश्न गत पासपोर्ट के सत्यापन कार्य को भी पूरा नहीं किया संत प्रकाश के जगत नारायण का दत्तक पुत्र होने के बाबत कोई दस्तावेज भी एकत्रित नहीं किया कोर्ट ने प्रोटेस्ट प्रार्थना पत्र एवं विरोध प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए थाना अध्यक्ष खुटहन को अग्रिम विवेचना का आदेश दिया ।
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