नियमित करें ध्यान और प्राणायामों का अभ्यास - हरीमूर्ति



जौनपुर -शिक्षक किसी भी राष्ट्र की सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत को पीढ़ी दर हस्तांतरित करनें का सबसे सशक्त माध्यम हैं। इसलिए भारत की प्राचीनतम विरासत योग को जन जन तक पहुंचाकर स्वस्थ और समृद्ध भारत के निर्माण में शिक्षक महति भूमिका को निभा सकते हैं।यह बातें तिलकधारी सिंह महाविद्यालय में छात्राध्यापकों को योगाभ्यास कराते हुए पतंजलि योग समिति के प्रान्तीय सह प्रभारी अचल हरीमूर्ति के द्वारा कही गई है। योग के क्रियात्मक और सैद्धांतिक अभ्यासों का प्रशिक्षण कुलदीप योगी और जगदीश योगी के द्वारा कराते हुए योगाभ्यास के मूलभूत सिद्धांतों को बताते हुए अष्टांग योग,विविध प्रकार की मुद्राओं के साथ कर्म योग, ज्ञानयोग और नवधाभक्ति के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। श्री हरीमूर्ति के द्वारा अवस्थानुसार और रोगानुसार आसन,व्यायाम, ध्यान के साथ योगिक जांगिड़, सूर्य नमस्कार, भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम- विलोम, भ्रामरी और उद्गीथ प्राणायामों के साथ अग्निसार और नौलिक्रियाओं का अभ्यास कराते हुए उनसे होनें वाले मनोदैहिक लाभों को भी बताया गया।इस मौके पर विभागाध्यक्ष डॉ विनय कुमार सिंह, डॉ अजय दुबे सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

सनबीम स्कूल के शिक्षक पर दिन दहाड़े जानलेवा हमला

वार्षिकोत्सव एवं ओपन जिम उद्घाटन समारोह कार्यक्रम हुआ आयोजित

चार पहिया व सभी भारी वाहन मालिक जल्द से जल्द अपना मोबाइल नंबर अपडेट करा ले। एआरटीओ जौनपुर