मल्हनी में कमल खिलाने के लिए भाजपा ने पूर्व सांसद केपी सिंह पर लगाया दांव, जानें कब से केसरिया झन्डा उठाया है यह परिवार



जौनपुर। लोकतंत्र के इतिहास में मल्हनी विधान सभा गठन के पश्चात आज तक अनवरत दौड़ रही साइकिल की रफ्तार को रोकने और कमल खिलाने के लिए 2022 के आम चुनाव में भाजपा नेतृत्व ने जनसंघ के जमाने से केसरिया का ध्वज पताका उठाने वाले राजनैतिक परिवार के सदस्य एवं पूर्व मंत्री स्व उमानाथ सिंह के पुत्र पूर्व सांसद कृष्ण प्रताप सिंह उर्फ के पी सिंह के उपर कमल खिलाने के लिए दांव लगा दिया है। विधान सभा क्षेत्र इस परिवार के लिए नया जरूर है लेकिन अपने समाज के बीच इनके ग्राह्यता का कोई जोड़ नहीं है। 
यहां बता दे कि आजादी के बाद लोकतंत्र के तहत चुनाव प्रणाली शुरू होने पर 1962 में एक बार जनसंघ के बैनर तले कुंवर श्रीपाल सिंह ने चुनाव जीत कर केसरिया का ध्वज फहराया था। इसके बाद आज तक इस क्षेत्र से जनसंघ अथवा भाजपा का प्रतिनिधित्व नहीं हो सका है। बता दे वर्ष 2012 में परिसीमन के बाद रारी विधान सभा खत्म करके मल्हनी विधान सभा बना दिया गया। मल्हनी विधान सभा बनने के बाद यहां पर लगातार सपा का कब्जा चला आ रहा है यानी साइकिल ही दौड़ रही है। 2012 और 2017 के चुनाव में सपा के पारसनाथ यादव विधायक चुने गये थे। उनके निधन के पश्चात 2020 में उप चुनाव हुआ तो स्व पारसनाथ यादव के पुत्र लकी यादव सपा के बैनर तले चुनाव लड़े और जीत दर्ज कराये है। 
इस उप चुनाव में भाजपा पूरी ताकत लगाने के बाद भी तीसरे नंबर पर लड़ती नजर आयी थी। सपा के लकी यादव को 73462 वोट मिले और सपा की जीत दर्ज हुई थी। दूसरे स्थान पर निर्दल चुनाव लड़ रहे बाहुबली नेता एवं पूर्व सांसद धनंजय सिंह रहे इनको 68838 वोट मिला था। भाजपा के मनोज कुमार सिंह को 28860 वोट मिला और तीसरे स्थाना पर रहे। बसपा भी चौथे स्थान पर 25180 वोट पायी थी। हलांकि 2017 के आम चुनाव में भी भाजपा तीसरे स्थान पर रही। 
इस बार 2022 के आम चुनाव में भाजपा ने पूर्व सांसद के पी सिंह पर दांव लगा दिया है और कमल खिलाने का दायित्व सौंपा है। यहां बता दे कि 2014 में हुए लोकसभा के चुनाव में के पी सिंह भाजपा के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ते हुए मल्हनी विधान सभा क्षेत्र में भाजपा के विजय का डंका बजवाया था। यहां यह बताना जरूरी है कि जनसंघ के जमाने से केसरिया ध्वज के वाहक बनने वाले इस परिवार का जौनपुर की बयालसी विधान सभा पर जहां वर्चस्व रहा वहीं पर यह राजनैतिक परिवार अहंकार से दूर सभी जाति धर्म के लोंगो के बीच लोकप्रिय और सहज सरल सौम्य परिवार के रूप में अपने को स्थापित कर रखा है। बतौर सांसद केपी सिंह आम जनमानस के लिए सर्व सुलभ नेताओ में सुमार रहे है। 
चुनाव का परिणाम अभी तो नहीं कहा जा सकता है लेकिन इतना जरूर है कि केपी सिंह अपनी सरलता और सज्जनता के साथ चुनाव की जंग में आयेंगे और मल्हनी की जनता इनके बिषय में विचार करने को मजबूर हो सकती है। केपी सिंह के टिकट की घोषित होने के पश्चात उनके समर्थक शुभ चिन्तक और पार्टी जन चुनावी अभियान में लगते नजर आये है। 

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