सपा प्रत्याशी घोषित होने के बाद झलकने लगी परिणाम की तस्वीर,जानें मौर्य की रूझान क्या होगी


जौनपुर। विधान सभा के इस चुनाव में नामांकन के लिए अब एक दिन शेष बचा है समाजवादी पार्टी ने नामांकन के अन्तिम समय में बहुप्रतीक्षित सीट सदर विधान सभा से अपना प्रत्याशी अल्पसंख्यक समुदाय के नेता को घोषित करते हुए सिम्बल जारी किया तो चुनाव परिणाम के तस्वीर की झलक दिखाई देने लगी है। हलांकि चुनावी जंग सीधी होने के बजाय चतुर्थ कोणीय हो सकती है। इतना ही नहीं सदर विधान सभा में मुस्लिम मतदाताओ की संख्या अधिक होने के कारण सपा बसपा और कांग्रेस तीनो दलों ने अल्पसंख्यक समुदाय के नेता पर दांव चला है। भाजपा से सरकार के मंत्री गिरीश चन्द यादव चुनाव मैदान में है। 
यहां बता दे कि सपा ने पहले टिकट की दौड़ में शामिल मौर्य नेता तेज बहादुर मौर्य उर्फ पप्पू मौर्य के उपर दांव लगाते हुए मौर्य, मुस्लिम और यादव कॉम्बिनेशन बैठाने का खेल किया लेकिन मौर्य को टिकट मिलने की खबर लगते ही सपा के मुस्लिम नेता गण मौर्य का विरोध करते हुए वोट न देने की धमकी दे डाले सपा नेतृत्व ने मौर्य नेता का नामांकन रोक दिया। लगभग तीन दिन तक लखनऊ में हाई बोल्टेज ड्रामे के बाद नामांकन दाखिल तिथि एक दिन शेष बचने पर 16 फरवरी 22 को बाद दोपहर पूर्व विधायक अरशद खांन को प्रत्याशी घोषित कर सिम्बल पकड़ा दिया। 
यहां यह बताना जरूरी है कि सपा ने जब मौर्य को टिकट पकड़ाया तब बसपा और कांग्रेस दोनो की नजर मुस्लिम समुदाय के बड़े वोट बैंक पर टिक गयी बसपा ने सलीम खांन के हाथ अपना टिकट बेंच दिया और चुनाव की जंग में उतार दिया कि अल्पसंख्यक और दलित वोट बैंक के सहारे विधान सभा में पहुंच सकते है। इसी दौरान कांग्रेस ने भी पहले पार्टी के जिलाध्यक्ष फैसल हसन तबरेज को प्रत्याशी घोषित किया फिर एक आश्चर्यजनक ड्रामे के साथ जौनपुर सदर के पूर्व विधायक नदीम जावेद को टिकट पकड़ा दिया। इसके बाद सपा ने भी अल्पसंख्यक समुदाय से पूर्व विधायक अरशद खांन को मैदान में भेज दिया इस तरह सपा कांग्रेस और बसपा से तीन मुस्लिम नेता चुनावी जंग में है। 
हलांकि भाजपा ने सरकार के मंत्री गिरीश चन्द्र यादव को पहले ही प्रत्याशी घोषित कर दिया था जिसके परिणाम स्वरूप गिरीश चन्द यादव विधान सभा क्षेत्र के लगभग हर एक गांव में लोंगो से मिलने में कामयाब भी रहे है। टिकट को लेकर हुई उठा पटक के चलते अब मौर्य समाज सपा से टिकट कटने से खासा नाराज भी हो गया है इसका पूरा लाभ भाजपा को मिलना तय माना जा रहा है 
राजनैतिक समीक्षक अभी से कहने लगे है कि तीन मुसलमानो की जंग में गिरीश चन्द्र यादव मजबूत हो गये है और लोकतंत्र में दो दशक के इतिहास में पहले विधायक होगे कि सदर विधान सभा से लगातार दूसरी जीत दर्ज करा सकते है। मौर्य समाज के लोग अपनी नाराजगी को वोट के दौरान निकाल सकते है। जो भी हो सपा भाजपा कांग्रेस और बसपा का प्रत्याशी घोषित होने के बाद यह दावे के साथ कहा जा सकता है चतुर्थ कोणीय जंग होनी तय है।

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